Solar Eclipse 2019: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण अगले हफ्ते, जानिए सूतक काल का समय और क्या पड़ेगा प्रभाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 17, 2019 08:40 AM2019-12-17T08:40:39+5:302019-12-17T08:40:39+5:30
Solar Eclipse 2019: सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी भी शुभ काम को करने की मनाही होती है। साथ ही मंदिरों के भी पट बंद कर दिये जाते हैं। यही नहीं, मान्यता के अनुसार इस दौरान भगवान की मूर्ति भी नहीं छूनी चाहिए।
Solar Eclipse (Surya Grahan) 2019: इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिसंबर के आखिरी हफ्त में पड़ने वाला है। ये सूर्य ग्रहण एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा। खास बात ये भी है कि 2019 में लगने वाला ये तीसरा सूर्य ग्रहण और दूसरा पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इससे पहले इसी साल जनवरी और जुलाई में सूर्य ग्रहण लग चुके हैं। जनवरी में जहां आंशिक सूर्य ग्रहण लगा था वहीं, 2 जुलाई को पूर्ण सूर्य ग्रहण था। धार्मिक मान्यताओं की बात करें सूर्य ग्रहण का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसका असर हमारे आम-जनजीवन और भविष्य पर भी पड़ता है।
Solar Eclipse 2019 Date: दिसंबर में सूर्य ग्रहण कब है
सूर्य ग्रहण इस बार 26 दिसंबर को लगने जा रहा है। भारतीय मानक के अनुसार ये सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 बजे से शुरू होगा और दोपहर 11 बजकर 13 मिनट पर खत्म होगा। सुबह करीब 9 बजकर 25 मिनट का वो वक्त होगा जब चांद पूरी तरह से सूर्य को ढक लेगा। चूकी चांद आकार में सूर्य से काफी छोटा है इसलिए इस दौरान भी सूर्य का बाहरी हिस्सा नजर आता रहता है, जिसे आम बोलचाल में 'रिंग ऑफ फायर' कहते हैं।
करीब 3 मिनट 12 सेकेंड के बाद सूर्य एक बार फिर धीरे-धीरे चांद की ओट से बाहर आने लगेगा। इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा और सूर्य ग्रहण आखिरकार सुबह 11.04 बजे खत्म हो जाएगा। इस सूर्य ग्रहण को अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, चीन समेत पूर्वी एशिया के बड़े हिस्से में देखा जा सकेगा।
Solar Eclipse 2019 Sutak time: दिसंबर सूर्य ग्रहण का सूतक का समय
सूर्य ग्रहण हो या फिर चंद्र ग्रहण, हिंदू धर्म में सूतककाल को लेकर एक खास मान्यता है। मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के समय 12 घंटे और चंद्र ग्रहण के दौरान 9 घंटे पूर्व से ही सूतक काल आरंभ हो जाता है और ग्रहण खत्म होने तक यह जारी रहता है। ऐसे में इस बार यानी 26 दिसंबर को लगने जा रहे है सूर्य ग्रहण का सूतक काल 25 दिसंबर को ही शाम 8 बजे से शुरू हो जाएगा और ग्रहण तक जारी रहेगा।
सूर्य ग्रहण के सूतक काल में किसी भी शुभ काम को करने की मनाही होती है। साथ ही मंदिरों के भी पट बंद कर दिये जाते हैं। यही नहीं, मान्यता के अनुसार इस दौरान भगवान की मूर्ति भी नहीं छूनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी इस दौरान अपना खास ध्यान रखना चाहिए।
Solar Eclipse 2019 Effect: सूर्य ग्रहण का क्या पड़ेगा प्रभाव
ऐसे तो सूर्य ग्रहण का अलग-अलग प्रभाव राशियों के हिसाब से हमारी जिंदगी पर पड़ता है लेकिन मान्यताओं के अनुसार इससे इतर भी इसके प्रभाव काफी व्यापक हो सकते हैं। जानकारों के अनुसार इस बार यानी 26 दिसंबर का सूर्य ग्रहण पिछले ग्रहणों से काफी अलग है।
ग्रहण के समय 6 ग्रह सूर्य, चंद्रमा, शनि, गुरु और बुध की युति धनु राशि के केतु के साथ होगी। इससे पहले 5 फरवरी, 1962 के पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय मकर राशि में सभी 7 ग्रह केतु के साथ मौजूद थे। ये वो साल भी था जब भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। ऐसे में अमेरिका और रूस के बीच जंग की नौबत आई थी।
इस बार भी इस ग्रहण का असर व्यापक तौर पर पड़ सकता है। दरअसल, सूर्य ग्रहण से ठीक एक दिन पहले मंगल राशि अपनी जगह बदलकर जल-तत्व की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। ऐसे में दुनिया को प्राकृतिक आपदा मसलन, भूकंप, बर्फबारी, बाढ़ आदि से दो-चार होना पड़ सकता है। एशिया पर इसके खास प्रभाव दिख सकते हैं और हिंसक घटनाएं हो सकती हैं। ये ग्रहण नामचीन लोगों के लिए भी खतरे की घंटी है। खासकर देशों के राष्ट्राध्यक्ष, सेना, खिलाड़ियों, चिकित्सकों या बड़े व्यापारियों को ये ग्रहण कष्ट दे सकता है।