सुकरात ने जब एक युवक को पानी में डुबो कर बताया सफल होने का आसान रास्ता!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 12, 2019 01:07 PM2019-08-12T13:07:48+5:302019-08-12T13:07:48+5:30
Socrates story: यह कहानी एथेंस में उस समय निवास करने वाले एक युवक की है। वह बहुत आलसी था। उसकी सोच भी नकारात्मकता से भरी हुई थी और वह किसी भी काम को मन लगाकर नहीं करता था।
यूनान के महान दार्शनिक और पश्चिमी दर्शन के जनक में से एक सुकरात से जुड़ी कई ऐसी कहानियां हैं जो आज भी प्रेरणा देने का काम करती हैं। 469 ईस्वी पूर्व में एथेंस में जन्में सुकरात के विचारों ने तब के समाज में बदलाव में बड़ी भूमिका निभाई। उनके विचारों और बातों से ही घबराकर विरोधियों ने उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया और मौत की सजा दिला दी। हालांकि, उनकी बातें आगे चलकर बहुत प्रासंगिक साबित होती चली गईं। आज हम आपको उनसे ही जुड़ी एक प्रेरणादायी कहानी बताने जा रहे हैं।
सुकरात ने जब शख्स को बताई सफलता की राह
यह कहानी एथेंस में उस समय निवास करने वाले एक युवक की है। वह बहुत आलसी था और काम और आगे बढ़ने को लेकर बहुत सुस्त था। उसकी सोच भी नकारात्मकता से भरी हुई थी और वह किसी भी काम को मन लगाकर नहीं करता था।
ऐसे में एक बार किसी ने उसे उस समय सुकरात से मिलने की सलाह दी। युवक भी वह बात मान गया और सुकरात से मिलने पहुंचा। युवक ने सुकरात से पूछा कि वह विद्वान, समृद्ध और सफल व्यक्ति बनना चाहता है, लेकिन इसका रास्ता क्या है? यह सवाल सुनकर सुकरात ने कहा, 'क्या तुम वाकई ऐसा चाहते हो और तुम इसे हासिल करने के लिए खुद को झोंक देना चाहते हो?'
इस पर युवक ने कहा, 'मैं अपने जीवन में सफल होना चाहता हूं और मैं इसके लिए कुछ भी कर सकता हूं।'
सुकरात ने यह बात सुनकर उसे अगले दिन फिर आने को कहा। अगले दिन वह युवक फिर सुकरात से मिलने पहुंचा। सुकरात उसे एक नदी में ले गये। सुकरात ने युवक को कहा कि वह नदी में कुछ दूर जाकर पानी में खड़ा रहे और जब तक वे नहीं कहते वापस नहीं आये।
युवक ने ऐसा ही किया और वह कुछ दूर गहरे पानी में जाकर खड़ा हो गया। कुछ देर बाद सुकरात भी वहां पहुंच गये और अचानक युवक के सिर में हाथ रखते उसे पानी में डुबो दिया। पानी के अंदर सिर जाते ही युवक बुरी तरह सांस लेने के लिए छटपटाने लगा और हाथ-पांव मारने लगा। थोड़ी देर में सुकरात ने अपना हाथ हटाया और युवक बाहर आ गया।
पानी में कुछ देर रहने के कारण युवक लगभग बेहोश सा हो गया था। थोड़ी देर में जब उसे होश आया तो सुकरात ने पूछा, 'जब तुम पानी के अदर थे और क्या हासिल करने की इच्छा तुम्हारी सबसे तीव्र थी?'
युवक ने कहा, 'मैं बस सांस लेना चाहता था।'
यह सुन सुकरात ने कहा, 'जब तुम इसी छटपटाहट के साथ ज्ञान और सफलता चाहोगे तो यह तुम्हे जरूर हासिल होगा।'
इतना सुनते ही युवक को बात समझ आ गई। वह समझ गया कि जीवन में सफल होने के लिए जरूरी है कि इसके लिए बेचैनी और तीव्र इच्छा भी मन में हो। किसी चीज को हासिल करने की अत्यधिक इच्छा और इसे पर पूरी निष्ठा के साथ भरोसा नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकता है।