भगवान विष्णु के रक्त से उत्पन्न होने वाली एक पवित्र नदी, जिसके किनारे होता है सिंहस्थ कुंभ का आयोजन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 16, 2020 02:05 PM2020-01-16T14:05:50+5:302020-01-16T14:06:47+5:30

इस नदी के किनारे हर 12 साल पर सिंहस्थ कुंभ का भी आयेजन किया जाता है। ब्रह्मपुराण में भी शिप्रा नदी का उल्लेख है।

Shipra story in Hindu Mythology gets originated from Lord Vishnu fingers blood | भगवान विष्णु के रक्त से उत्पन्न होने वाली एक पवित्र नदी, जिसके किनारे होता है सिंहस्थ कुंभ का आयोजन

शिप्रा के किनारे बसी है मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन (फाइल फोटो)

Highlightsमध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन से होकर गुजरती है शिप्रा नदीभगवान विष्णु की अंगुली पर शिव जी ने किया था त्रिशूल से वार, फिर हुआ शिप्रा नदी का जन्म

गंगा, यमुना, नर्मदा आदि नदियों की ही तरह हिंदू धर्म में शिप्रा नदी का भी काफी महत्व है। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन से होकर गुजरने वाली इस नदी को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसकी शुरुआत विष्णु जी के रक्त से हुई थी। इस नदी के किनारे हर 12 साल पर सिंहस्थ कुंभ का भी आयेजन किया जाता है। ब्रह्मपुराण में भी शिप्रा नदी का उल्लेख है। 

यही नहीं, संस्कृत के महाकवि कालिदास ने भी अपने काव्य ग्रंथ 'मेघदूत' में इस नदी का जिक्र प्रयोग किया है। उसमें इसे अवंति राज्य की प्रमुख नदी बताया गया है। वैसे इस नदी के असल नाम को लेकर भी विवाद होता रहा है। कई जानकार मानते हैं कि नदी का असल नाम क्षिप्रा है। बाद में इसी का अपभ्रंश शिप्रा प्रचलित हो गया।

शिप्रा नदी का उद्गम कैसे हुआ

एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव ब्रह्म कपाल लेकर भगवान विष्णु से भिक्षा मांगने पहुंचे। उस समय भगवान विष्णु ने अंगुली दिखाते हुए उन्हें भिक्षा दी। इस अशिष्टता से शिव जी नाराज हो गये और उन्होंने उसी समय अपने त्रिशूल से विष्णु जी की अंगुली पर वार किया।

ऐसा करते ही विष्णु जी की अंगुली से रक्त की धारा बह निकली और ये बहते-बहते विष्णुलोक से पृथ्वी पर आ पहुंची। मान्यता है कि यही रक्त की धारा शिप्रा नदी में परिवर्तित हो गई।

ऐसी भी मान्यता है कि शिप्रा नदी के ही किनारे सांदीपनी आश्रम में भगवान कृष्ण, बलराम और सुदामा ने विद्या ग्रहण किया था। बता दें कि शिप्रा का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के महू छावनी से लगभग 17 किलोमीटर दूर जानापाव की पहाडियों में माना गया है।

यही भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्म स्थान भी माना गया है। ऐसा भी कहा जाता है कि प्राचीन समय में इसके तेज बहाव के कारण ही इसका नाम शिप्रा प्रचलित हुआ।

Web Title: Shipra story in Hindu Mythology gets originated from Lord Vishnu fingers blood

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