Sheetla Ashtami 2020: शीतला अष्टमी की पूजा कैसे करें और इस दिन क्यों खाया जाता है बासी खाना, जानिए

By विनीत कुमार | Published: March 11, 2020 09:26 AM2020-03-11T09:26:49+5:302020-03-11T09:29:10+5:30

Sheetla Ashtami 2020: चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाये जाने वाले शीतला अष्टमी को ही कई जगहों पर बसौड़ा या बसोरा भी कहा जाता है।

Sheetla Ashtami 2020: rituals, puja vidhi and why no fresh food in cooked on Sheetla Ashtami | Sheetla Ashtami 2020: शीतला अष्टमी की पूजा कैसे करें और इस दिन क्यों खाया जाता है बासी खाना, जानिए

Sheetla Ashtami 2020: शीतला अष्टमी पर क्यों खाते हैं बासी खाना

Highlightsचैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है शीतला अष्टमीमुख्य तौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों मनाते हैं शीतला अष्टमी त्योहार

Sheetla Ashtami 2020:शीतला अष्टमी का त्योहार इस बार 16 मार्च को पड़ेगा। इसे आमतौर पर होली के आठवें दिन मनाया जाता है। इस बार ये 16 मार्च को है। हालांकि, कई लोग शीतला अष्टमी का त्योहार होली के बाद पड़ने वाले पहले सोमवार या शुक्रवार को भी मनाते हैं। 

शीतला अष्टमी को ही कई जगहों पर बसौड़ा या बसोरा भी कहा जाता है। यह त्योहार मुख्य तौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन बासी खाना खाया जाता है। यहां तक कि शीतला माता को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद भी बासी होता है।

Sheetla Ashtami 2020: शीतला अष्टमी की पूजा कैसे करें?

इस बार चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 16 मार्च को तड़के 03.19 बजे से हो रही है। इसका समापन 17 मार्च को सुबह 02.59 बजे होगा। इस दिन कई घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। साथ ही इस दिन एक दिन पहले का बना हुआ बासी भोजन शीतला माता को भोग के तौर पर चढ़ाया जाता है। 

शीतला माता को चेचक जैसे रोग की देवी माना गया है। वे अपने हाथों में कलश, सूप, मार्जन (झाड़ू) और नीम के पत्ते धारण किए होती हैं। गर्दभ की सवारी किए वे अभय मुद्रा में विराजमान हैं।

शीतला अष्टमी के दिन तड़के उठे और पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इसके बाद नारंगी रंग के वस्त्रों को धारण करें और नीम के पेड़ में जल चढ़ाएं। साथ ही घर में भी पूजा करें। शीतला माता की मुख्य पूजा दोपहर में करनी चाहिए। माता को बासी खाने का भोग लगाएं और माता को सुगंधित पुष्प, नीम के पत्ते चढ़ाए। माता की आरती करें और 'ऊं शीतला मात्रै नम:' मंत्र का भी जाप करें।

Sheetla Ashtami 2020: शीतला अष्टमी पर बासी भोजन क्यों?

शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता की पूजा के समय उन्हें खास मीठे चावलों का भोग चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत प्रिय हैं। उनके लिए चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं।

इन्हें सप्तमी की रात को बनाया जाता है। अष्टमी यानी त्योहार के दिन ताजा खाना नहीं बनाया जाता है। यही नहीं, ये दिन ऋतु परिवर्तिन का भी संकेत देता है। ऐसा कहते हैं कि इस अष्टमी के बाद बासी खाना नहीं खाया जाना चाहिए। 

Web Title: Sheetla Ashtami 2020: rituals, puja vidhi and why no fresh food in cooked on Sheetla Ashtami

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