Sharad Purnima 2019: शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में रखा खीर बन जाता है अमृत? जानिए क्या कहता है विज्ञान
By मेघना वर्मा | Published: October 12, 2019 03:22 PM2019-10-12T15:22:40+5:302019-10-13T07:27:11+5:30
Sharad Purnima kheer in Moonlight Scientific Reason: शरद पूर्णिमा की पौराणिक मान्यता की बात करें तो इस दिन लोग ना सिर्फ चंद्रमा की पूजा करते हैं बल्कि अपने इष्ट देव की पूजा भी करते हैं।
शरद पूर्णिमा इस बार 13 अक्टूबर यानि आज पड़ रही है। हिन्दू मान्यताओं में इस पूर्णिमा का सबसे ज्यादा महत्व बताया जा रहा है। अश्विन मास में आने वाली इस पूर्णिमा को लेकर कई मान्यताएं हैं। बताया ये जाता है कि चांद अपनी 16 कलाओं को पूरा करता है और इसी दिन चांद से अमृत की वर्षा होती है।
कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा से ही शरद ऋतु की शुरूआत भी होती है। सिर्फ मान्यताओं में ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी शरद पूर्णिमा को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। आज हम आपको यहां शरद पूर्णिमा की वैज्ञानिक दृष्टि से मान्यता बताने जा रहे हैं। विज्ञान के तर्कों से जानते हैं कि क्या सच में शरद पूर्णिमा पर आकाश से अमृत वर्षा होती है?
शरद पूर्णिमा पर आकाश से गिरते हैं रासायनिक तत्व
साइंस की मानें तो आज ही के दिन आसमान से कुछ ऐसे रासायनिक तत्व गिरते हैं वो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। आप भी जानिए कैसे चांद की रोशनी में रखा खीर बन जाता है अमृत।
शरद पूर्णिमा पर क्या कहता है विज्ञान
जानकरों और वैज्ञानिक के मुताबिक दूध में लैक्टिक एसिड और अमृत जैसे तत्व होते हैं। यही तत्व जब चांद की रोशनी पाकर रिएक्शन करते हैं। यह तत्व सबसे ज्यादा चांद की किरणों को अवशोषित करता है। सिर्फ यही नहीं चावल में जो स्टार्च होते हैं वह इस प्रक्रिया को आसान बना देते हैं। जिससे जो तत्व तैयार होता है वो हमारे शरीर में कई तरह के रोगों को कम करता है। साथ ही हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद भी होता है। यही कारण रहा कि प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों ने इस दिन चांद की रोशनी में खीर रखकर खाने को कहा।
चांदी के बर्तन में खाएं खीर, फायदा होगा दुगाना
इस दिन चांद की रोशनी में चांदी के बर्तन में खीर खाने से और भी फायदेमंद होता है। ऐसा माना जाता है कि चांदी में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है। यही कारण है कि चांदी के बर्तन में खीर रखने और उसी में खाने से खीर और भी अधिक फायदेमंद हो जाती है। मान्यता है कि चांदी के पात्र में खीर खाने से भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं।
क्या है पौराणिक मान्यता
शरद पूर्णिमा की पौराणिक मान्यता की बात करें तो इस दिन लोग ना सिर्फ चांद की पूजा करते हैं बल्कि अपने इष्ट देव की पूजा भी करते हैं। बताया जाता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। साथ ही आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचाया था। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा को महत्वपूर्ण माना जाता है।