शरद पूर्णिमा की रात करें सिर्फ इन 2 मंत्रों का जाप, कभी नहीं होंगे कंगाल-जमकर बरसेगा पैसा
By मेघना वर्मा | Published: October 13, 2019 08:58 AM2019-10-13T08:58:09+5:302019-10-13T08:58:09+5:30
हिन्दू धर्म के लोग इस दिन को कोजागर व्रत के रूप में भी मनाते हैं। इसी दिन को कौमुदी व्रत भी कहते हैं।
शरद पूर्णिमा को हिन्दू धर्म का सबसे खास पर्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा को लेकर काफी मान्यताएं भी हैं। इस साल यह शरद पूर्णिमा 13 अक्टूबर को पड़ी है। इस दिन को लेकर कई प्राचीन कहानियां भी बताई जाती है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन से ही सर्दियों की शुरूआत हो जाती है। इस दिन किया हुआ हर काम शुभ फल देता है।
हिन्दू मान्यता में इस बात को भी बताया गया है कि आज ही के दिन मां लक्ष्मी का जन्म भी हुआ था। इसीलिए इस दिन को धन प्राप्ति के लिए भी सबसे खास बताया जाता है। इस दिन किए हुए छोटे से छोटा उपाय भी आपकी बड़ी-बड़ी विपत्तियां भी टाल देते हैं। आज हम आपको यहां कुछ ऐसे ही मंत्र बताने जा रहे हैं जिन्हें शरद पूर्णिमा की रात जपने से आपको धन की कमी कभी नहीं होगी।
शरद पूर्णिमा पर करें इन 2 मंत्रों का जाप
पुत्र पौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां
भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे.
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय दापय स्वाहा.
आप चाहें तो इस दिन मां लक्ष्मी का जाप भी कर सकते हैं। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन का चांद से एक विशेष प्रकार की औषधि निकलती है जो आपके खाने के माध्यम से आपमें चली जाए तो कई तरह के रोगों से आपको मुक्ति मिल जाती है। आप भी जानिए क्या है शरद पूर्णिमा की तिथि, कहानी और इसका पौराणिक महत्व।
शरद पूर्णिमा की पौराणिक मान्यताएं
हिन्दू धर्म के लोग इस दिन को कोजागर व्रत के रूप में भी मनाते हैं। इसी दिन को कौमुदी व्रत भी कहते हैं। माना जाता है कि इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। मान्यता तो ये भी है कि शरद पूर्णिमा के दिन ही श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। इन पौराणिक कारणों की वजह से शरद पूर्णिमा का बेहद महत्व बताया जाता है।
लोगों का मानना है कि शरद पूर्णिमा के दिन ही चांद से अमृत बरसता है जिसके सेवन से कई तरह की बीमारियां दूर होती है। यही कारण है कि शरद पूर्णिमा के दिन लोग खीर बनाकर उसे चांद की रोशनी में रखते हैं फिर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।