Shani Jayanti 2020: इस तारीख को पड़ने वाली है शनि जयंति, जानिए कब-कब लगता है जातक पर शनि दोष
By मेघना वर्मा | Published: May 20, 2020 07:33 AM2020-05-20T07:33:42+5:302020-05-20T07:33:42+5:30
शनि जयंती पर लोग भगवान शनि को प्रसन्न करने के उपाय करते हैं। इस दिन अमावस्या होने से व्रत भी किया जाता है।
हिन्दू पंचाग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में इसे 'शनि जयंती' के नाम से जानते हैं। इस साल 22 मई 2020 को शनि जयंती का पर्व है। साथ ही यह दिन वट सावित्री व्रत का ही है।
शनि देव कर्मों के देवता कहलाते हैं। शनि जयंती पर लोग भगवान शनि को प्रसन्न करने के उपाय करते हैं। इस दिन अमावस्या होने से व्रत भी किया जाता है। शनि जयंति के दिन शनि मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिलती है। मगर इस साल लॉकडाउन के चलते ना ते ये संभव है ना ऐसा करना उचित।
कब है शनि जयंति
शनि जयंति - 22 मई 2020
अमावस्या तिथि प्रारंभ - 9 बजकर 35 मिनट रात्रि (21 मई)
अमावस्या तिथि समाप्त - 11 बजकर 8 मिनट रात्रि (22 मई)
जिन लोगों की कुंडली में शनि संबंधी दोष चल रहा हो उन्हें इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, शास्त्रीय उपाय आदि अवश्य ही करने चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और कुंडली में शनि दोषों को शांत करते हैं। आइए आपको बताते हैं कब-कब लगता है शनि दोष-
कई स्थितियों में किसी जातक के ऊपर शनि दोष चढ़ता है।
शनि जब मेष राशि होता है तो उसे नीच का माना जाता है।
जब शनि शत्रु राशि को हो जाता है तब भी शनि दोष पैदा हो जाता है।
ऐसे में जातक को शनि परेशान करते हैं।
शनि सूर्य और चंद्रमा के साथ युति बनाने पर शनि दोष पैदा होता है।
शनि जयंती पर करें ये काम
- पीपल के पेड़ के नीचे शनिदेव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं
- चीटियों को काला तिल और गुड़ खिलाएं
- चमड़े के जूते चप्पल गरीबों में दान करें
- पीपल के पेड़ में केसर, चन्दन, फूल आदि अपिर्त करके तेल का दीपक जलाएं
- यदि नीलम धारण किया हुआ है तो इसे शनि जयंती पर उतार दें