शनिवार विशेष: शनिदेव की पूजा में इस 1 रंग का ना करें इस्तेमाल, शत्रुता का होता है प्रतीक
By मेघना वर्मा | Published: May 23, 2020 08:35 AM2020-05-23T08:35:28+5:302020-05-23T08:35:28+5:30
शनि देव की कृपा जिसपर बरसी उसकी जिंदगी सफल हो जाती है मगर शनि देव जिनसे रुष्ठ हो जाते हैं उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शनिदेव का दिन भगवान शनि का माना जाता है। न्याय के देवता शनि देव की पूजा कर लोग उन्हें प्रसन्न करते हैं। पुराणों के अनुसार न्याय के देवता शनि देव लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि देव की कृपा जिसपर बरसी उसकी जिंदगी सफल हो जाती है मगर शनि देव जिनसे रुष्ठ हो जाते हैं उनको परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शनि देव के पूजन में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शनि देव की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। आइए आपको बताते हैं शनिदेव की पूजा में किन बातों का विशेष ध्यान जरूर रखना चाहिए।
इस दिशा में करें शनिदेव की पूजा
पुराणों के अनुसार शनि देव की पूजा पश्चिम दिशा की ओर मुंह कर के करनी चाहिए। शनि देव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है। इसलिए शनि देव की पूजा करते समय आपका मुख पश्चिम दिशा की तरफ होना चाहिए।
ना देखें शनि देव की आंखों में
शनि देव की दृष्टी से बचने के लिए कभी भी शनि देव की आंखों में नहीं देखना चाहिए। मान्यता है जिनपर शनिदेव की दृष्टी पड़ जाए उसकों जिंदगी भर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए शनि देव के पैरों को देखते हुए सदैव उनकी पूजा करनी चाहिए।
चढ़ाएं सरसों का तेल और काला तिल
शनि देव को सरसों का तेल और काला तिल प्रिय होता है। शनिवार के दिन आपको शनि देव का पूजन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप उन्हें काले तिल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीया जलाएं।
ना करें इस रंग के फूल का इस्तेमाल
शनि देव की पूजा में कभी भी किसी लाल रंग के फूल का इस्तेमाल ना करें। सिर्फ फूल ही नहीं बल्कि उनकी पूजा में किसी भी तरह के लाल रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार लाल रंग, मंगल का प्रतीक है। वहीं मंगल और शनि एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं। इसलिए शनि पूजन में कभी लाल रंग का इस्तेमाल ना करें।