Sawan Shivratri 2022: सावन शिवरात्रि कल, भूलकर भी महादेव को न चढ़ाएं ये चीजें, जानें पूजा नियम

By रुस्तम राणा | Published: July 25, 2022 03:16 PM2022-07-25T15:16:07+5:302022-07-25T15:17:48+5:30

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

Sawan Shivratri 2022 puja niyam never offer these things to lord Shiva | Sawan Shivratri 2022: सावन शिवरात्रि कल, भूलकर भी महादेव को न चढ़ाएं ये चीजें, जानें पूजा नियम

Sawan Shivratri 2022: सावन शिवरात्रि कल, भूलकर भी महादेव को न चढ़ाएं ये चीजें, जानें पूजा नियम

Highlightsशिवजी को भांग, धतूरा, बेर चंदन, बेल पत्र, फल और फूल आदि जरूर अर्पित करें।भगवान शिव को कुमकुम या सिंदूर भूल से भी नहीं चढ़ाना चाहिएभगवान शिव की पूजा में लाल पुष्प और केतकी के फूलों का प्रयोग न करें

Sawan Shivratri 2022:सावन शिवरात्रि पर्व 26 जुलाई, मंगलवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भोलेनाथ की आराधना करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। शिव भक्तों के द्वारा सावन शिवरात्रि पर विधि-विधान से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से पूरे साल की शिव पूजा का फल प्राप्त होता है। लेकिन शिवपूजा में भक्तों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

सुबह जल्दी उठकर स्नान के पश्चात ले व्रत संकल्प

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प करें। इसके बाद विधि-विधान से भगवान शिव जी की आराधना करें। महाशिवरात्री के मौके पर रात्रि के चारों पहर में पूजा करने की परंपरा है। अगर संभव नहीं है तो दिन में भी पूजन किया जा सकता है। अगर शिव मंदिर नहीं जा सकते हैं तो घर पर ही पूजन करें।

महादेव को अर्पित करें ये चीजें 

शिवजी को भांग, धतूरा, बेर चंदन, बेल पत्र, फल और फूल आदि जरूर अर्पित करें। माता पार्वती के लिए सुहागन महिलाएं सुहाग की प्रतीक जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पित करती हैं। इस पूरे दिन उपवास करें। फलाहार कर सकते हैं पर नमक का सेवन नहीं करें।

शिवजी पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीजें

भगवान शिव को कुमकुम या सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। कुमकुम या सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है जबकि भगवान शिव वैरागी हैं। शिवलिंग पर भस्म चढ़ाना अच्छा माना गया है। मान्यता है कि भोलेनाथ को तुलसी का पत्ता भी अर्पित नहीं करना चाहिए। भगवान शिव को तुलसी अर्पित करने से पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।

शिवपूजा में इन फूलों का प्रयोग न करें

भगवान शिव की पूजा में लाल फूल और केतकी के फूलों का प्रयोग भी नहीं किया जाता है। इसके अलावा उन्हें हल्दी नहीं चढ़ाई जाती। शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी को सौंदर्य प्रसाधन का सामान माना जाता है। हल्दी का संबंध भगवान व‌िष्‍णु से भी है, इसल‌िए यह भगवान श‌िव को नहीं चढ़ता है।

Web Title: Sawan Shivratri 2022 puja niyam never offer these things to lord Shiva

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