Sawan 2024:भगवान शिव का प्रिय माह 22 जुलाई 2024 से प्रारंभ हो रहा है, जो 19 अगस्त 2024 को समाप्त होगा। धार्मिक दृष्टि से इस माह का विशेष महत्व है। श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो कोई भक्त श्रावण माह में पड़ने वाले सोमवार के दिन भोले नाथ की आराधना करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन सावन सोमवार के दिन शिव पूजा में भक्तों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। भगवान शिव को कुछ विशेष चीजें भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए अन्यथा उसका गलत परिणाम जातकों को प्राप्त होता है। इसलिए सावन सोमवार के नियम जान लेना आवश्यक है, जो इस प्रकार हैं -
1. सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत ही शुभ फलदायी है। ऐसे में आप भगवान शिव के अभिषेक के लिए जिस दूध का इस्तेमाल करेंगे उसका सेवन बिल्कुल भी न करें। भगवान शिव के अभिषेक के बाद जो दूध बच जाए उसे किसी जरूरतमंद को दान कर दें।
2. सोमवार के दिन बेल के पत्तों को तोड़कर शिवजी पर नहीं चढ़ाना चाहिए। आप चाहें तो इसलिए 1 दिन पहले से ही बेल पत्र तोड़कर रख लें।
3.सावन सोमवार के दिन शिव पूजा में तुलसी का प्रयोग न करें। कहते हैं शिवजी ने तुलसी के पति असुर जालंधर का वध किया था। इसलिए तुलसी ने स्वयं भगवान शिव को अपने अलौकिक और दैवीय गुणों वाले पत्तों से वंचित कर दिया।
4. सावन सोमवार के दिन शिव पूजा में केतकी के फूल नहीं अर्पित किए जाते हैं। शिव पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी के एक झूठ में केतकी फूल ने उनका साथ दिया था, जिससे रुष्ट होकर शिव जी ने केतकी के फूल को श्राप दिया और कहा कि मेरी पूजा में कभी भी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा।
5. सावन सोमवार के दिन शिव पूजा में कुमकुम या सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि शिव विनाशक हैं और उनकी पूजा में इन चीजों का इस्तेमाल अशुभ माना जाता है।
6. शास्त्रों के अनुसार, सावन के सोमवार के दिन में भूलकर भी न सोएं। शाम के समय भगवान शिव का भी पूरे विधि विधान के साथ पूजन करें। सावन सोमवार के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। अगर संभव हो तो पति पत्नी को अलग सोना चाहिए।
7. जिस वस्त्र को धारण करके पहले आपने शयन या भोजन किया हो उसे धारण करके भोले नाथ का पूजन अभिषेक नहीं करना चाहिए। सावन सोमवार के दिन फलाहार में दूध और दूध से बनी हुई चीजों का प्रयोग नहीं करें।