Sawan Somvar 2020: आज सावन के तीसरे सोमवार पर बन रहा है बेहद खास योग, जानें इन 6 विशेष शुभ मुहूर्त के बारे में
By गुणातीत ओझा | Updated: July 20, 2020 08:11 IST2020-07-20T08:04:30+5:302020-07-20T08:11:22+5:30
सावन महीना शिव को समर्पित होता है, शिव की सेवा का महीना होता है, शिव की आराधना का महीना और शिव से सुख-समृद्धि, कष्टों के निवारण और मोक्ष का आशीर्वाद पाने का महीना होता है। सावन में भगवान शिव भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

आज है सावन का तीसरा सोमवार, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा।
Sawan Ka Teesra Somvar: 20 जुलाई यानि आज सावन का तीसरा सोमवार है। पंचांग के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार पर विशेष योग बन रहे हैं। चंद्रमा आज मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं। ये तो सभी जानते हैं कि सावन में सोमवार की पूजा का शिव भक्तों की लिए विशेष महत्व है। इस दिन पूजा करने से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद मिलता है। पंचांग के अनुसार आज अमावस्या की तिथि है। आइये आपको बताते हैं इस तिथि में पूजा के कौन-कौन से शुभ मुहूर्त है...
सावन सोमवार के शुभ मुहूर्त
अभिजित मुहूर्त: 12:00 PM से 12:55 PM
अमृत काल: 06:59 PM से 08:34 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग: 09:21 PM से 05:36 AM, 21 जुलाई
विजय मुहूर्त: 02:45 PM से 03:39 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:05 PM से 07:29 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:19 PM से 08:21 PM
सोमवती अमावस्या और हरियाली अमावस्या
आज सावन के तीसरे सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या और हरियाली अमावस्या भी है। इस शुभ संयोग में पूजा का विशेष पुण्य प्राप्त होता है। अमावस्या को पितरों की पूजा की जाती है। इस दिन पितरों की शांति के लिए दान आदि का कार्य शुभ माना गया है। जिन लोगों की जन्म कुंडली में पितृदोष पाया जाता है उन्हें इस दिन पूजा करने से पितृ दोष कम होता है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन हरियाली अमावस्या भी है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करने से विशेष पुण्य मिलते हैं।
सावन पूजा विधि
शिवभक्त को सूर्योदय के पूर्व उठना चाहिए। स्नान आदि से निवृत्त होकर एक तांबे के लोटे में गंगाजल लेकर शिव मंदिर जाएं। एक अन्य लोटे में दूध भी ले सकते हैं। गंगाजल न हो तो शुद्ध और ताजा जल लेकर उसमें किसी पवित्र नदी का थोड़ा सा जल मिला सकते हैं। या शिवलिंग पर ताजा, शुद्ध जल भी समर्पित कर सकते हैं। अब शिवमंत्रों का जाप करते हुए शिवलिंग पर पतली धारा से जल चढ़ाएं। महादेव को अक्षत, सुगंधित फूल, श्वेत पुष्प, आंकड़ा, धतूरा, आदि समर्पित करें। बिल्वपत्र अपनी श्रद्धानुसार शिवलिंग पर समर्पित करें। महादेव को भांग, ऋतुफल, मिठाई, पंचामृत, पंचमेवा आदि का भोग लगाएं। शिव पंचाक्षरी मंत्र, रुद्राष्टक, शिव महिम्नस्त्रोत, तांडवस्त्रोत, शिव चालीसा इनमें किसी एक का या संभव हो तो सभी का पाठ करें। आखिर में महादेव की आरती उतारें और उनसे मनोकामना पूर्ति और मोक्ष की प्रार्थना करें। ऐसा करने से गृहदोष की पीड़ा का भी नाश होता है।
इन मन्त्रों का करें जाप
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के महामंत्र- ॐ नमः शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए।