आज सावन (Saavan) का दूसरा सोमवार है। इस साल सावन का पवित्र महीना 6 जुलाई सोमवार को लगा था। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पावन महीने में भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा-अर्चना करने से सारी समस्याएं दूर होती हैं और मनोकामना पूर्ण होती है। सावन के महीने में शिवालयों में भक्तों का हुजूम रहता है। लेकिन इस बार कोविड-19 महामारी की वजह से मंदिरों में जाने पर रोक है। ऐसे में आज हम आपको बाबा अमरनाथ (Baba Amarnath) के दर्शन और वहां की LIVE आरती के दर्शन कराते हैं...
सावन के दूसरे सोमवार की पूजा विधि
सोमवार का व्रत सूर्योदय से आरंभ कर सकते हैं और तीसरे प्रहर के बाद पारण कर सकते हैं। सोमवार को सुबह स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करने के साथ ही व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। भगवान शिव की पूजा के साथ माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की भी पूजा करें। पूजा सामग्री में जल, दुध, दही, चीनी, घी, शहद, फल और पुष्प का प्रयोग अवश्य करें। पूजा के अंत में शिव आरती करें।
शिव आरती
जय शिव ओंकारा, ओम जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अद्र्धांगी धारा॥ओम जय शिव ओंकारा...एकानन चतुरानन पंचानन राजे।हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ओम जय शिव ओंकारा...दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ओम जय शिव ओंकारा...अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ओम जय शिव ओंकारा...श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ओम जय शिव ओंकारा...कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी।सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥ओम जय शिव ओंकारा...ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका॥ओम जय शिव ओंकारा...लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा।पार्वती अद्र्धांगी, शिवलहरी गंगा॥ओम जय शिव ओंकारा...पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥ओम जय शिव ओंकारा...जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ओम जय शिव ओंकारा...काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी।नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ओम जय शिव ओंकारा...त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे॥ओम जय शिव ओंकारा...