उज्जैनः मज़ारे ए नजमी पर ज़ियारत के लिए दरवाजे 97 दिनों बाद खुले

By बृजेश परमार | Published: June 28, 2020 08:39 PM2020-06-28T20:39:04+5:302020-06-28T20:39:04+5:30

बोहरा धर्म के लिए भी उज्जैन काफी महत्वपूर्ण है। 97 दिनों बाद बोहरा समाज के यहां स्थित धर्मस्थल मजारे ए नजमी को जियारत के लिए खोल दिया गया है।

samajans will be able to go to mazar e nazmi from 8 to 11 am today | उज्जैनः मज़ारे ए नजमी पर ज़ियारत के लिए दरवाजे 97 दिनों बाद खुले

मजार ए नजमी में आज से सुबह 8 से 11 बजे तक समाजजन जा सकेंगे।

Highlightsदेश के प्रमुख उज्जैन में बोहरा समाज का प्रमुख धर्मस्थल  खुलासनातन धर्मावलंबियों के साथ अन्य धर्मावलंबियों के लिए भी प्रमुख है उज्जैन

उज्जैन। वैसे तो उज्जैन श्री महाकालेश्वर भगवान से जग जाहिर है। सनातनधर्मी तो सिंहस्थ भूमि ओर बाबा महाकाल की वजह से ही उज्जैन की प्रमुखता को जानते- मानते हैं। अन्य धर्मों के भी यहां प्रमुख स्थल हैं। बोहरा धर्म के लिए भी उज्जैन काफी महत्वपूर्ण है। 97 दिनों बाद बोहरा समाज के यहां स्थित धर्मस्थल मजारे ए नजमी को जियारत के लिए खोल दिया गया है। कोविड-19 में लाकडाउन के साथ ही उज्जैन में तमाम धर्मस्थल लॉकडाउन के दायरे में आ गए थे। कोरोना से बचाव ही प्राथमिकता इस दौरान रही। अनलॉक के प्रथम चरण में धर्मस्थलों को क्रमवार खोला जा रहा है। 

श्री महाकालेश्वर मंदिर के बाद हाल ही में बोहरा समाज के प्रमुख स्थल मजारे ए नजमी को खोला गया है। इस धर्मस्थल के खुलते ही दाउदी बोहरा समाजजनों का उज्जैन आवागमन शुरू हो गया है। बोहरा समाज के मज़ारे ए नजमी पर समाजजनों के लिए ज़ियारत शुरू कर दी है। 22 मार्च को कोरोना महामारी के चलते हुए ओर शासन के आदेश से मज़ारे ए नजमी में सभी का प्रवेश निषेध किया गया था। कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश के बाद शनिवार से यहां फिर से समाजजनों के जियारत का सिलसिला शुरू हो गया। मजारे ए नजमी में बोहरा समाजजनों के तीन पूर्व सय्यदना की दरगाह स्थित है। 

तीन पूर्व सय्यदना की मजार पर जियारत के साथ ही समाज के कुछ प्रमुख स्थल भी यहां हैं इनके साथ मजारे नजमी के परिसर स्थित आकर्षक भवन परिसर में स्थित गुलाब का बगीचा और अन्य आकर्षण यहां हैं ही। मध्यप्रदेश में बोहरा समाज के लिए बुरहानपुर, उज्जैन, शाजापुर अपना महत्व लिए हुए हैं। शनिवार को 97 दिन बाद फिर से मज़ारे ए नजमी चालू किया गया। करीबन 300 लोगों ने दरगाह पर आकर ज़ियारत की। समाज जनों ने दरगाह पर दुआ मांगी के इस कोरोना से हमें जल्द निजात मिले। सुबह 7 बजे से बोहरा धर्म अनुयायी का यहां आने का सिलसिला शुरू हो गया था। सभी के मुंह पर मास्क लगा था।

मजारे ए नजमी में  प्रवेश के पहले थर्मल स्क्रीनिंग की गई। सैनिटाइजर से हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा था। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बनाई गई व्यवस्था अनुसार लोग दूर-दूर खड़े थे। लाइन में लगे लोग वो सभी थे जो एक दिन पहले बुकिंग करवाकर यहां पहुंचे थे। सभी बस एक ही बात कह रहे थे, बडे दिन हो गए अब तो बस भीतर जाएं और ज़ियारत कर ले। कोरोना संक्रमण के कारण माज़रे ए नजमी पर टीकेएम एव बुरहानी गार्ड्स यहां गाइडलाइन का पालन करवाने की व्यवस्था को अंजाम देने में लगे थे। बोहरा समाजजनों का कहना था कि अब खाराकुआं स्थित सैयदी हसनजी बादशाह बाबा की दरगाह पर ज़ियारत करने का इंतजार है। दरगाह जल्द खुले इसके लिए भी दुआ की गई।

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