Rohini Vrat: आज है रोहिणी व्रत, जानें शुभ नक्षत्र और पूजा विधि
By मेघना वर्मा | Published: November 14, 2019 08:26 AM2019-11-14T08:26:40+5:302019-11-14T08:26:40+5:30
रोहिणी व्रत में रोहिणी नक्षत्र का मुख्य स्थान होता है। इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है।
जैन समुदाय में रोहिणी व्रत को बड़ी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस समुदाय में रोहिणी व्रत का सबसे ज्यादा महत्व भी बताया गया है। हर महीने आने वाले इस व्रत को लोग आस्था के साथ मनाते हैं। इस नवंबर महीने में रोहिणी व्रत 14 नवंबर को पड़ा है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए।
रोहिणी व्रत में रोहिणी नक्षत्र का मुख्य स्थान होता है। इस दिन भगवान वासुपूज्य की पूजा की जाती है। साथ ही 3, 5 और 7 सालों के लिए इस व्रत को रखना पड़ता है। ये रोहिणी व्रत हर महीने आता है।
रोहिणी देवी करती हैं कृपा
रोहिणी व्रत का संबध सीधे माता रोहिणी से होती है। इस देवी की पूरी विधि-विधान से पूजा की जाती है। महिलाएं ही नहीं पुरुष भी इस दिन अपनी स्वेच्छा से व्रत रखते हैं। हर महिला अपने पति की लम्बी उम्र और उनके स्वास्थय के लिए यह व्रत रखती है। माना ये भी जाता है कि इस व्रत को रखने से धन और धान्य में वृद्धि होती है।
शुभ तिथि और नक्षत्र
सूर्योदय- 6:45AM
सूर्यास्त - 5:37 PM
चंद्रोदय - 7: 07 PM पर
तिथि- द्वितिया तिथि- 7:55 PM तक
नक्षत्र- रोहिणि, 10:48 PM मिनट तक
राहु काल- 1:32 PM-2:54 PM तक
रोहिणी व्रत पूजा विधि
1. रोहिणि व्रत के दिन व्रती को जल्दी उठकर स्नान आदि करना चाहिए फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।
2. इसके बाद भगवान वासुपूज्य की पंचरत्न से निर्मित प्रतिमा की स्थापना करना चाहिए।
3. इनकी पूजा में वस्त्रों, फल और फूल के साथ नैवेध्य का भोग लगाना चाहिए।
4. पूरे विधि-विधान से पूजा करना चाहिए।
5. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन करवाना चाहिए।