Ramadan 2023: रमजान का पाक महीना शुरू, आज पहला रोजा, जानें इफ्तार का समय
By विनीत कुमार | Published: March 24, 2023 10:38 AM2023-03-24T10:38:00+5:302023-03-24T10:44:25+5:30
Ramadan 2023: इस्लामिक कैलेंडर के सबसे पवित्र महीने रमजान की शुरुआत आज से हो गई है। पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखेंगे। आज पहला रोजा है।

भारत में आज से रमजान की शुरुआत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: इस्लाम के पाक महीने रमजान की शुरुआत भारत में आज से हो गई। ऐसे में मुस्लिम समुदाय पहला रोजा आज रख रहा है। रमजान को रमदान या रोजे का महीना भी कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर में रमजान नौवां महीना होता है जिसे बेहद पाक माना गया है। इसलिए इस्लाम में इसका महत्व काफी ज्यादा है।
इस पवित्र महीने के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सूरज निकलने से लेकर सूर्यास्त तक न कुछ खाते हैं और न पीते हैं। इन दिनों में लोग ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में गुजारते हैं। यह सिलसिला ईद का चांद दिखने तक जारी रहता है।
इस महीने में जकात यानी दान देना, कुरान पढ़ना, पांचों वक्त नमाज पढ़ना आदि काम जरूर करने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे अल्लाह खुश होते हैं और अपने बंदे के सभी गुनाह माफ करते हैं।
रमजान का महत्व, क्यों रोजा रखते हैं मुसलमान
लगभग 29 से 30 दिनों तक चलने वाले रमजान महीने में रोजे रखने का उद्देश्य पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को याद करना है। कहते हैं कि इस माह में जन्नत के दरवाजे खुल जाते है। ऐसे में इस महीने में की गई इबादतों का सबाब अन्य दूसरे महीनों से दोगुना मिलता है।
पवित्र कुरान के अनुसार अल्लाह ने अपने दूत के रूप में पैगम्बर साहब को चुना और रमजान महीने के दौरान ही उनको कुरान के बारे में पता चला था। रमजान के आखिरी 10 दिनों का महत्व सबसे ज्यादा है। मान्यता है कि इन्हीं दिनों में कुरान पूरी हुई थी।
रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा 1 से 10 रोजे तक का होता है। यह रहमतों (कृपा) का दौर होता है। वहीं दूसरे दस दिन मगफिरत (माफी) का और आखिरी हिस्सा जहन्नुम (नर्क) की आग से बचाने का करार दिया गया है।
रामजान में नहीं करने चाहिए ये काम
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान के दौरान सभी स्वस्थ लोग रोजे रखते हैं। बुजुर्ग और बच्चे रोजे अपनी इच्छा के अनुसार रख सकते हैं। रोजेदार को झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौज करना, औरत को बुरी नजर से देखना, खाने को लालच भरी नजरों से देखना आदि मना होता है। इस महीने में कुरान पढ़ने और अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी मांगने की रवायत है।
रमजान 2023: पहले रोजे के इफ्तार का समय
रमजान में सूरज के उगने से पहले खाना खाया जाता है, जिसे सहरी कहते हैं। इसके बाद दिन भर रोजा रखा जाता है। शाम को सूरज ढलने के बाद लोग एक साथ नमाज पढ़ते हैं और रोजा खोलते हैं। इसे इफ्तार कहा जाता है।
दिल्ली में इफ्तार का समय- 6.35
चेन्नई- 6.20
हैदराबाद- 6.30
लखनऊ- 6.20
कानपुर- 6.22
बेंगलुरु- 6.35
कोलकाता- 5.49
जम्मू- 6.46
पटना- 6.02
नोएडा- 6.35
अजमेर- 6.47
अहमदाबाद- 6.52