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Ramadan 2022: रमजान के महीने में दिनभर क्यों भूखे-प्यासे रहते हैं मुसलमान? क्या है इसकी कहानी, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 31, 2022 12:37 IST

Ramadan 2022: रमजान के महीने में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं। रोजा रखने का मतलब सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करना है। आखिर ऐसा क्यों करते हैं लोग, जानिए इस पाक माह-ए-रमजान की कहानी...

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ठळक मुद्देरमजान के महीने में 20 से 30 दिन लोग दिन भर भूखे-प्यासे रहते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं।रमजान में सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना खाए-पिए रहा जाता है, शाम को नमाज के बाद इफ्तार की परंपरा है।इस महीने में जकात यानी दान देना, कुरान पढ़ना, पांचों वक्त नमाज पढ़ना जैसे कार्यों को महत्व दिया गया है।

Ramadan 2022: रमजान का पाक महीना शुरू हो रहा है। इस्लाम धर्म में इसका काफी महत्व है। रमजान दरअसल इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। इस पूरे महीने इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना खाए-पिए रहते हैं। इसे रोजा रखना कहा जाता है। पूरे महीने खुदा की इबादत की जाती है। 

इस महीने में जकात यानी दान देना, कुरान पढ़ना, पांचों वक्त नमाज पढ़ना आदि काम करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे अल्लाह तआला खुश होते हैं और अपने बंदे के सभी गुनाह माफ करते हैं।

रमजान में क्यों दिन भर भूखे प्यासे रहते हैं मुसलमान? 

लगभग 29 से 30 दिनों तक चलने वाले रमजान महीने में रोजे रखने का उद्देश्य पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को याद करना है। रमजान का पाक महीना मुस्लिम लोगों के लिए बेहद खास होता है। माना जाता है कि इस माह में जन्नत के दरवाजे खुल जाते है। ऐसे में की गई इबादतों का सबाब अन्य दूसरे महीनों से दोगुना मिलता है। यही कारण है कि मुस्लिमों को इस माह का इंतजार बहुत ही शिद्दत के साथ होता है।

रमजान का महत्व, इतिहास और कहानी

पवित्र कुरान के अनुसार अल्लाह ने अपने दूत के रूप में पैगम्बर साहब को चुना और रमजान महीने के दौरान ही उनको कुरान के बारे में पता चला था। रमजान के आखिरी 10 दिनों का महत्व सबसे ज्यादा है। मान्यता है कि इन्हीं दिनों में कुरान पूरी हुई थी। 

यहां ये भी बता दें कि रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा 1 से 10 रोजे तक होता है, जिसमें बताया गया है कि यह रहमतों (कृपा) का दौर होता है। वहीं दूसरे दस दिन मगफिरत (माफी) का और आखिरी हिस्सा जहन्नुम (नर्क) की आग से बचाने का करार दिया गया है।

रमजान में क्या करें और क्या नहीं?

रमजान के दौरान सभी स्वस्थ लोग रोजे रखते हैं। ऐसे में रोजेदार को झूठ बोलना, चुगली करना, गाली-गलौज करना, औरत को बुरी नजर से देखना, खाने को लालच भरी नजरों से देखना आदि मना होता है। इस महीने में कुरान पढ़ें और अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगें।

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