नई दिल्ली, 17 मईः रमजान के चांद का दीदार हो गया है। 17 मई से इस पवित्र महीने की शुरुआत होगी और पहला रोजा रखा जाएगा। देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद और अन्य उलेमा ने ऐलान किया कि गुरुवार को पहला रोजा होगा। इस बाबत शहर की मस्जिदों में भी ऐलान किया गया है।
इमारत-ए-शरीया हिंद के सचिव मुइजुद्दीन ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि रूयत-ए-हिलाल कमेटी और इमारत-ए-शरीया हिंद ने यहां एक बैठक में बताया कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कई हिस्सों में आज चांद दिखा है। उन्होंने बताया कि रूयत-ए-हिलाल कमेटी और इमारत-ए-शरीया हिंद ने घोषित किया है कि 17 मई रमजान के महीने का पहला दिन है यानी आज पहला रोजा होगा।
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दिल्ली के कई इलाकों की मस्जिदों में भी ऐलान कर किया गया है कि कल पहला रोजा होगा। रमजान के महीने का चांद दिखने के साथ ही मस्जिदों में रमजान की विशेष नमाज तराहवी की भी शुरू हो गई। इसमें नमाजों में कुरान शरीफ को सुनाया जाता है। गौरतलब है कि ऐसा बहुत कम देखने में आता है जब भारत और खाड़ी क्षेत्र में एक साथ रोजे शुरू हों। अमूमन खाड़ी देशों में रमजान का ऐलान होने के एक दिन बाद भारत में रोजे शुरू होते हैं।
इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना रमजान है जिसे अरबी भाषा में रमादान कहते हैं। नौवें महीने यानी रमजान को 610 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद पर कुरान प्रकट होने के बाद मुसलमानों के लिए पवित्र घोषित किया गया था। रोजे रखना इस्लाम के पांच स्तंभों (कलमा, नमाज, जकात, रोजा और हज ) में से एक है। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वालों की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है।