Raksha Bandhan 2020: आज इस शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर बांधें राखी, 558 साल बाद बना है ऐसा शुभ संयोग

By गुणातीत ओझा | Published: August 3, 2020 05:50 AM2020-08-03T05:50:14+5:302020-08-03T09:33:51+5:30

प्राचीन समय में देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हो रहा था। इस युद्ध में देवताओं को पराजित होना पड़ा। असुरों ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। देवराज इंद्र और सभी देवता इस समस्या को दूर करने के लिए देवगुरु बृहस्पति के पास पहुंचे..

Raksha Bandhan 2020: Auspicious coincidence after 558 years know the auspicious time to tie Rakhi | Raksha Bandhan 2020: आज इस शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर बांधें राखी, 558 साल बाद बना है ऐसा शुभ संयोग

जाने रक्षाबंधन से जुड़ी ये जरूरी बातें और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त।

Highlightsइस बार का रक्षाबंधन बहुत खास है। यह अत्यंत दुर्लभ संयोगों के बीच आ रहा है।भद्रा इस बार रक्षाबंधन पर सुबह 9 बजकर 29 बजे तक ही रहेगी।

रक्षा बंधन 2020: इस बार का रक्षाबंधन बहुत खास है। यह अत्यंत दुर्लभ संयोगों के बीच आ रहा है। इसका प्रभाव भी गहरा होगा। आज 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर 29 वर्ष बाद शुभ संयोग बन रहा है। सबसे खास बात यह है कि 558 साल बाद सावन माह की पूर्णिमा पर गुरु और शनि अपनी राशि में वक्री हैं। सोमवार 3 अगस्त को लेकर सावन माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। सावन के महीने की समाप्ती पूर्णिमा के साथ होगी, जिसे रक्षाबंधन की तरह देश ही नहीं दुनियाभर में मनाया जा रहा है। इस बार सुबह 9.29 बजे तक भद्रा रहेगी। भद्रा के बाद ही बहनों को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधना चाहिए। 9.29 के बाद पूरे दिन राखी बांध सकते हैं। आज सुबह 9.30 बजे के बाद पूरे दिन श्रवण नक्षत्र रहेगा। 

अपने गुरु का आशीर्वाद भी अवश्य लें

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के मुताबिक रक्षाबंधन पर गुरु अपनी राशि धनु में और शनि मकर में वक्री रहेगा। इस दिन चंद्र भी शनि के साथ मकर में रहेगा। ऐसा योग 558 साल पहले 1462 में बना था। उस साल में 22 जुलाई को रक्षाबंधन मनाया गया था। इस बार रक्षाबंधन पर राहु मिथुन राशि में, केतु धनु राशि में है। 1462 में भी राहु-केतु की यही स्थिति थी। ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार बेहद खास होगा, क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर श्रावण सोमवार व पूर्णिमा एक साथ होने से सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। जो आज से 29 वर्ष पूर्व वर्ष 1991 में बना था इस वर्ष रक्षाबंधन पर भ्रदा का साया भी नहीं रहेगा

भद्रा

भद्रा इस बार रक्षाबंधन पर सुबह 9 बजकर 29 बजे तक ही रहेगी। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र सोमवार को रक्षाबंधन के दिन सुबह 7 बजकर 20 मिनट तक है। फिर श्रवण नक्षत्र लग जाएगा। इस दिन सुबह 9 बजे से लेकर 10.30 बजे तक शुभ, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक चर, दोपहर 3 से 4.30 बजे तक लाभ, शाम 4.30 से 6 बजे तक अमृत एवं शाम 6 से 7.30 बजे तक चर का चौघड़िया मुहूर्त है। इस बार सोमवार के दिन राखी का पर्व आने से अन्न एवं धनधान्य के लिए अच्छे अवसर पैदा होंगे।

दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग

ज्योतिषाचार्य और भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि ब्राह्मण अपने यजमानो के लिए यह रक्षा सूत्र धारण कराते है व श्रावणी उपाकर्म भी करते है।इस साल सावन के आखिरी सोमवार पर रक्षाबंधन का त्योहार पड़ रहा है। भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार बेहद खास होगा, क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है।

भाई व बहन रखें विशेष ध्यान

साथ ही इस साल भद्रा और ग्रहण का साया भी रक्षाबंधन पर नहीं पड़ रहा है। जो भाई-बहन कोरोना के चलते इस बार दूर हैं, वो जल्दबाजी न करें, जहां हैं वहीं से रक्षाबंधन मनाएं। वीडियो कॉल, ऑडियो कॉल के जरिए एक दूजे को देखें, दुआएं करें, लम्बी उम्र की मनोकामना करें। इस बार श्रावणी पूर्णिमा के साथ महीने का श्रावण नक्षत्र भी पड़ रहा है, इसलिए पर्व की शुभता और बढ़ जाती है। श्रावणी नक्षत्र का संयोग पूरे दिन रहेगा।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा कुंभ सिंह वृश्चिक लगन में राखी बांधना शुभ रहेगा सुबह 9.30से10.30 तक दोपहर 1.30से शाम7.30 तक व रात 10.30 से 12 बजे तक राखी बांधना व बंधवाना शुभ रहेगा 

12 राशियों पर ग्रहों का असर:

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि रक्षाबंधन पर मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन राशि के लोगों के लिए का समय शुभ रहेगा और इनको मेहनत का पूरा फल मिलेगा।  खुद के स्वास्थ्य में ताजगी महसूस करेंगे। जो लोग नौकरी कर रहे हैं उनको नौकरी में लाभ और जो व्यवसाय कर रहे हैं उनको व्यवसाय में आर्थिक उन्नति होगी। कर्क राशि वालों के लिए यह समय ठीक है उन्हें कम लाभ प्राप्त होगा मिथुन, सिंह, तुला, कुंभ राशि  के लोगों को सावधान एवं सतर्क रहना होगा इनका समय सही नहीं है और कार्य अधिक करने होंगे लेकिन लाभ की मात्रा कम रहेगी और समय इनके पक्ष का नहीं है।

सबसे पहले इंद्राणी ने देवराज इंद्र को बांधा था रक्षासूत्र 

प्राचीन समय में देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हो रहा था। इस युद्ध में देवताओं को पराजित होना पड़ा। असुरों ने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। देवराज इंद्र और सभी देवता इस समस्या को दूर करने के लिए देवगुरु बृहस्पति के पास पहुंचे। इंद्र ने देवगुरु से कहा कि मैं स्वर्ग छोड़कर नहीं जा सकता, असुरों ने हमें पराजित कर दिया, हमें फिर से युद्ध करना होगा। इंद्र की ये बातें इंद्राणी ने भी सुनी, तब उसने कहा कि कल सावन माह की पूर्णिमा है। मैं आपके लिए विधि-विधान से रक्षासूत्र तैयार करूंगी, उसे बांधकर आप युद्ध के लिए प्रस्थान करना, आपकी जीत अवश्य होगी। अगले दिन देवराज इंद्र रक्षासूत्र बांधकर असुरों से युद्ध करने गए और उन्होंने असुरों को पराजित कर दिया। तब से ही ये पर्व मनाया जाने लगा।

Web Title: Raksha Bandhan 2020: Auspicious coincidence after 558 years know the auspicious time to tie Rakhi

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