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Pitru Paksha 2019: क्या महिलाएं भी कर सकती हैं श्राद्ध और कितनी पीढ़ियों तक के पूर्वजों का किया जाता है तर्पण, जानें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 14, 2019 09:03 IST

Pitru Paksha 2019: मान्यता है कि श्राद्ध से तीन पीढ़ियों के पूर्वजों को तर्पण किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के दौरान अपने मृत परिजनों का श्राद्ध उसी तिथि को करें जिस तिथि में उनकी मृत्यु हुई है।

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ठळक मुद्देपितृपक्ष 28 सितंबर को होगा खत्म, इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण की है परंपरा12 माह में 12 अमावस्या तिथि को भी किया जा सकता है श्राद्ध

Pitru Paksha 2019:पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है। अब 28 सितंबर तक आप अपने पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं। मान्यता है कि पितृपक्ष के समय पू्र्वज धरती पर आते हैं। इसलिए उनके नाम से ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराना चाहिए। साथ ही दान आदि भी करना चाहिए। जो लोग ऐसा नहीं करते उनके पितर भूखे-प्यासे ही धरती से लौट जाते हैं। इससे परिवार को पितृ दोष लगता है। शास्त्रों के अनुसार साल के 12 माह में 12 अमावस्या तिथि को भी श्राद्ध किया जा सकता है। 

Pitru Paksha 2019: कौन कर सकता है श्राद्ध और कितनी पीढ़ियों का होता है तर्पण

मान्यता है कि श्राद्ध से तीन पीढ़ियों के पूर्वजों को तर्पण किया जा सकता है। इसके मायने ये हुए श्राद्ध तीन पीढ़ियों तक होता है। आमतौर पर श्राद्ध को पुत्र, पोता, भतीजा या भांजा करते हैं। यह सही भी है। वैसे जिनके घर में पुरुष सदस्य नहीं हैं, उनमें महिलाएं भी श्राद्ध कर सकती हैं। पितृपक्ष में सभी तिथियों का महत्व अलग-अलग है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष के दौरान अपने मृत परिजनों का श्राद्ध उसी तिथि को करें जिस तिथि में उनकी मृत्यु हुई है।

Pitru Paksha 2019: मृत्यु की तिथि नहीं मालूम तो क्या करें

अगर नाना-नानी के परिवार में किसी की मृत्यु हुई हो और मृत्यु तिथि ज्ञात न हो तो उसका श्राद्ध प्रतिपदा पर किया जा सकता है। ऐसे ही किसी अविवाहित व्यक्ति की मृत्यु की तिथि पता नहीं हो उसका श्राद्ध पंचमी तिथि पर करना चाहिए। अगर किसी महिला की मृत्यु की तिथि मालूम नहीं है तो उसका श्राद्ध नवमी को करना ठीक रहता है। जिनकी मृत्यु किसी दुर्घटना में हुई हो, उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि पर करना चाहिए।

मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और उनकी कृपादृष्टि हमेशा परिवार पर बनी रहती है। साथ ही कुल और वंश का भी विकास होता है और परिवार के लोग कष्ट और बीमारी आदि से बचे रहते हैं।  

Pitru Paksha 2019: श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां

13 सितंबर- पूर्णिमा श्राद्ध14 सितंबर- प्रतिपदा श्राद्ध15 सितंबर- द्वितीय श्राद्ध17 सितंबर- तृतीया श्राद्ध18 सितंबर- चतुर्थी श्राद्ध19 सितंबर- पंचमी श्राद्ध20 सितंबर- षष्ठी श्राद्ध21 सितंबर- सप्तमी श्राद्ध22 सितंबर- अष्टमी श्राद्ध23 सितंबर- नवमी श्राद्ध24 सितंबर- दशमी श्राद्ध25 सितंबर- एकादशी श्राद्ध/द्वादशी श्राद्ध/वैष्णव जनों का श्राद्ध26 सितंबर- त्रयोदशी श्राद्ध27 सितंबर- चतुर्दशी श्राद्ध28 सितंबर- अमावस्या श्राद्ध, अज्ञात तिथि पितृ श्राद्ध, पितृविसर्जन महालय समाप्ति

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