Papmochani Ekadashi 2022: पापमोचनी एकादशी व्रत 28 मार्च सोमवार के दिन रखा जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत समस्त प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा गया है। कहते हैं जो कोई भी इस व्रत को विधि-विधान और सच्चे मन से करता है उसके सारे पाप और कष्ट मिट जाते हैं और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन व्रत रखने से पहले आपको इन बातों को जरूर जान लेना चाहिए।
1. एकादशी के एक दिन पहले यानी दशमी तिथि को शाम का भोजन करने के बाद अच्छी प्रकार से दातुन करें ताकि अन्न का अंश मुंह में न रह जाएं। इसके बाद कुछ भी नहीं खाएं, न अधिक बोलें। एकादशी की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
2. इसके बाद धूप, दीप, नैवेद्य आदि सोलह चीजों से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें और रात को दीपदान करें। रात में सोए नहीं। सारी रात भजन-कीर्तन आदि करना चाहिए। जो कुछ पहले जाने-अनजाने में पाप हो गए हों, उनकी क्षमा मांगनी चाहिए।
3. पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करें और पूजा के बाद जगत के पालनहार को प्रसाद का भोग लगाएं। इसदिन घर में लहसुन, प्याज का इस्तेमाल ना होने दें, बल्कि पूरे दिन केवल फलाहार का सेवन करें।
4. इस दिन विष्णु जी को तुलसी की माला अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। भगवान विष्णु को कमल का फूल प्रिय है, इसदिन मंदिर जा कर भगवान कृष्ण या भगवान राम की मूर्ति पर कमल का फूल चढ़ाएं।
5. अगले दिन यानि द्वादशी की सुबह फिर से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें व ब्राह्मणों को भोजन कराएं फिर दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें। व्रत करने वालों के लिए यह जरूरी है, तब जाकर व्रत का फल प्राप्त होता है।