कराची का ये पंचमुखी हनुमान मंदिर फिर चर्चा में, लाखों साल पुराना है इतिहास, भगवान राम भी आ चुके हैं यहां
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2019 10:00 AM2019-09-04T10:00:21+5:302019-09-04T12:12:50+5:30
मान्यताओं के अनुसार कराची के इस मंदिर का इतिहास लाखों साल पुराना है। हिंदुओं का मानना है कि भगवान राम भी यहां एक बार आ चुके हैं।
पाकिस्तान के कराची में स्थित काफी पुराना श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर एक बार फिर चर्चा में है। इस मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य के दौरान कई बहुमूल्य मूर्तियां और कलाकृतिया सामने आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन बहुमूल्य वस्तुओं के सामने आने से मंदिर के निर्माण काल का पता लगाने में मदद मिलेगी।
सबसे दिलचस्प बात ये रही कि जीर्णोद्धार के दौरान ज्यादा खुदाई नहीं करनी पड़ी और केवल दो या तीन फीट तक की खुदाई से ही मूर्तियां मिलने लगीं। इन कलाकृतियों में हनुमान की आठ-नौ मूर्तियां, भैंस जैसी मूर्तियां, गणेश की मूर्तियां, शेरावली माता की मूर्तियां और मिट्टी आदि के बर्तन शामिल है।
कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर का इतिहास
कराची के इस मंदिर का इतिहास लाखों साल पुराना बताया जाता है। हिंदुओं की मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान राम भी वनवास के समय यहां एक बार आ चुके हैं। हालांकि, आज जो मंदिर यहां मौजूद है उसका 1882 में पुनर्निमाण कराया गया था। 1947 से पहले जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन नहीं हुआ था तब बड़ी संख्या में और दूर-दूर से श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते थे।
विभाजन के बाद भारत की ओर से यहां जाने वाले श्रद्धालुओं में काफी कमी आ गई लेकिन पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं में अब भी इसकी काफी मान्यता है। इस मंदिर में अब भी मंगलवार और शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ होती है। इस मंदिर को बहुत चमत्कारी माना गया है और मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना जरूर पूरी होती है।
केवल 11 मुट्ठी मिट्टी हटाने पर मिली थी हनुमानजी की पंचमुखी मंदिर
कहते हैं कि जिस जगह ये मंदिर मौजूद है वहां जमीन से केवल 11 मुट्ठी मुट्टी हटाने पर पंचमुखी हनुमान की मूर्ति प्रकट हो गई थी। यह मूर्ति नीले और उजले रंग की है और करीब 8 फीट ऊंची है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर की 108 परिक्रमा पूरी करने पर सभी दर्दों और परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
यहां से जुड़ी एक प्रचलित किंवदंती के अनुसार वर्तमान में ये मंदिर जहां मौजूद है, वहां एक तपस्वी साधना किया करते थे। एक दिन उन्हें सपने में पंचमुखी हनुमान के दर्शन हुए। उनसे हनुमानजी ने कहा कि मैं इस जगह के नीचे पाताल लोक में निवास कर रहा हूं। तुम मुझे यहां स्थापित करो।