Nirjala Ekadshi 2019: निर्जला एकादशी के मौके पर पानी पिलाने का है विशेष महत्व, मिलता है पूरे व्रत का फल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 7, 2019 15:36 IST2019-06-07T15:36:20+5:302019-06-07T15:36:20+5:30

निर्जला एकादशी का व्रत रखने वाला व्यक्ति इस दिन अगर किसी दूसरे को पानी पिलाता है तो यह सबसे बड़े पुण्य का काम है। वैसे भी हिंदू मान्यताओं में पानी पिलाना सबसे बड़े पुण्य का काम है।

Nirjala Ekadshi 2019: date importance and why water is distributed on this day | Nirjala Ekadshi 2019: निर्जला एकादशी के मौके पर पानी पिलाने का है विशेष महत्व, मिलता है पूरे व्रत का फल

निर्जला एकादशी 2019

Highlightsनिर्जला एकादशी का व्रत इस बार 13 जून को है, की जाती है भगवान विष्‍णु की विशेष पूजा-अर्चनानिर्जला एकादशी के मौके पर पानी पिलाने का है विशेष महत्व, हर किसी को मिलता है इसका फल

निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठोर व्रतों में एक है। इस दिन साधक पानी का एक बूंद भी ग्रहण नहीं करता। वैसे, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ दूसरे लोगों को पानी पिलाने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि आप इस दिन अगर लोगों और दूसरे जीव को पानी पिलाते हैं तो आपको पूरे व्रत का ही फल मिल जाता है।

मान्यता है कि हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में किये जाने वाले इस व्रत से सभी बाधाएं दूर होती हैं। खास बात ये है कि साल भर में आने वाले सभी एकादशियों का फल केवल एक दिन के इस व्रत को करने से मिलता है। मान्यता है कि इसे महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। इसलिए इसे भीम एकादशी भी कहते हैं।

Nirjala Ekadshi 2019: निर्जला एकादशी कब है 

निर्जला एकादशी व्रत इस साल 13 जून (गुरुवार) को है। हिन्‍दू पंचांग के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं। सभी एकादशियों में भगवान विष्‍णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है लेकिन निर्जला एकादशी करने से सभी एकादशियों का फल साधक को मिलता है।

निर्जला एकादशी करने वाले साधक को तड़के उठकर स्नान कर भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प करना चाहिए। इसके बाद पूजन शुरू करें। भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। ऐसे में उन्हें पीले फल, पीले फूल, पीले पकवान आदि का भोग लगाएं। दीप जलाएं और आरती करें। आप इस दौरान- 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का भी जाप करें।

इस मौके पर दान जरूर करें। शाम को तुलसी के पास दीपक जलाएं और उनकी भी पूजा करें। व्रत के बाद अगले दिन सुबह उठकर और स्नान करने के बाद एक बार फिर भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही गरीब, जरूरतमंद या फिर ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इसके बाद ही खुद भोजन ग्रहण करें।

निर्जला एकादशी पर पानी पिलाने का महत्व

निर्जला एकादशी का व्रत रखने वाला व्यक्ति इस दिन अगर किसी दूसरे को पानी पिलाता है तो यह सबसे बड़े पुण्य का काम है। वैसे भी हिंदू मान्यताओं में पानी पिलाना सबसे बड़े पुण्य का काम है। ज्येष्ठ मास में गर्मी सबसे अधिक होती है। इस समय हर जीव, पशु-पक्षी और मनुष्य तक को पानी की आवश्यकता होती है।

ऐसे में किसी को पानी पिलाने का महत्व इस समय में काफी बढ़ जाता है। यह प्राचीन भारतीय परंपरा भी है जिसमें गर्मी के दिनों में पानी पिलाना बेहद अहम माना जाता है। ऐसे में खासकर निर्जला एकादशी के दिन लोग स्टैंड लगाकर राहगीरों को पानी पिलाने का काम करते हैं।

English summary :
Nirjala Ekadashi 2019: If a person who keeps the fast of Nirajla Ekadashi and offers water to someone else on this day, then it is the work of the highest virtue. Anyway, drinking water in Hindu beliefs is the work of the highest virtue.


Web Title: Nirjala Ekadshi 2019: date importance and why water is distributed on this day

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