लाइव न्यूज़ :

नाग पंचमी पूजा विधि: इस मंत्र से करें पूजा, मिलेगा आर्थिक तंगी और कालसर्प दोष से छुटकारा

By गुलनीत कौर | Updated: August 14, 2018 17:30 IST

पंचमी तिथि सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगली सुबह यानी 16 अगस्त को 1 बजकर 51 मिनट तक चलेगी।

Open in App

हिन्दू धर्म में श्रावण (सावन) मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'नागपंचमी' का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 15 अगस्त, दिन बुधवार को पड़ रहा है। पंचमी तिथि सुबह 3 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगली सुबह यानी 16 अगस्त को 1 बजकर 51 मिनट तक चलेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 55 मिनट पर शुरू होकर 8 बजकर 31 मिनट तक मान्य है। 

ज्योतिषियों के अनुसार इस साल की नागपंचमी खास है। इस बार 'स्वार्थ सिद्धि' योग बन रहा है जिसकी बदौलत यह दिन शिव कृपा पाने और कालसर्प दोष से पूरे तरह से मुक्ति दिलाने वाला होगा। इस नागपंचमी यदि व्यक्ति पूरा दिन भगवान शिव के नाम का केवल मन ही मन जाप भी करता रहे तो उसकी कई इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है।

नागपंचमी क्यों मनाते हैं?

अगर आप इस नागपंचमी व्रत या पूजा कर रहे हैं तो पहले जान लें कि नागपंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है। मान्यता है कि नागों की पूजा या उनके नाम का व्रत करने से अन्न और धन दोनों में ही इजाफा होता है। 

भारत एक कृषिप्रधान देश है और सांप खेतों में ही रहकर फसलों की रक्षा करते हैं। इसलिए इनके पूजन से इन्हें प्रसन्न किया जाता है। लेकिन इसके अलावा धार्मिक रूप से भी कथा प्रचलित है जिसमें एक भाई (जो कि सर्प होता है), वह अपनी बहन की रक्षा करता है। इसलिए इसदिन हिन्दू महिलाएं सांप को अपना भाई मानकर उसकी पूजा करती हैं।

नागपंचमी 2018: बन रहा 'स्वार्थ सिद्धि' योग, इस सरल उपाय से करें कालसर्प दोष को दूर

नाग पंचमी पूजा विधि

- नागपंचमी की दिन सुबह जल्दी उठाकर स्नान करें और नए अथवा स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें- इसके बाद प्रसाद के रूप में सेवई और चावल तैयार कर लें- अब एक लकड़ी का तख्त लें और उसपर नाग देवता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर लें- अब इस नाग प्रतिमा पर सबसे पहले जल और इसके बाद सुगन्धित फूल और चन्दन अर्पित करें- इसके बाद एक एक करके दूध, दही, मधु, शर्कर, पंचामृत अर्पित करें- प्रत्येक वास्तु अर्पित करते हुए साथ में इस मात्र का जाप करें- "ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्"- पूजा के अंत में चढ़ावे के रूप में नए वस्त्र, चन्दन, कुमकुम, बेलपत्र, आभूषण, पुष्प माला, धूप दीप, फल, आदि अर्पित करें- यदि कालसर्प दोष से मुक्ति चाहते हैं तो इस मात्र से पूजा करें- "ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा"

टॅग्स :नाग पंचमीसावनभगवान शिव
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटVIDEO: सूर्यकुमार यादव पत्नी के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और दर्शन किए, देखें वीडियो

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: सरगी करने का सही समय क्या? जानें करवा चौथ व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें

पूजा पाठKarwa Chauth 2025: पहली बार किसने रखा था करवा चौथ का व्रत, कैसे हुई इसकी शुरुआत? जानें यहां

पूजा पाठShardiya Navratri 2025: तन, मन और आत्मा के जागरण का पर्व, धर्म, भक्ति, शक्ति और स्वास्थ्य

बॉलीवुड चुस्कीहर घर महादेव का उद्घोष, गुरु मां करिश्मा शेट्टी के सान्निध्य में शिबानी कश्यप के घर भव्य शिव संग

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय