Christmas 2020:क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इसके पीछे आम धारणा यही है कि इसी दिन यीशु मसीह का जन्म हुआ था। हालांकि, क्या आपको पता है कि हमेशा से क्रिसमस 25 दिसंबर को नहीं मनाया जाता था।
यीशु के जन्म के सम्मान में 25 दिसंबर के दिन जश्न मनाने का पहला आधिकारिक रिकॉर्ड 336 AD में मिलता है। एक तथ्य ये भी है कि ईसाइ धर्म के आने के बाद पहले तीन शताब्दी में यीशु के जन्मदिन को मनाया ही नहीं गया।
धार्मिक तौर पर सबसे महत्वपूर्ण दिन तब 6 जनवरी (Ephiphany) हुआ करता था। इसके बाद ईस्टर का बड़ा महत्व था। ईस्टर वो दिन है जब यीशु दोबारा जिंदा हो गए थे। वहीं, यीशु के 25 दिसंबर को जन्म लेने को लेकर ईसाईयों के सबसे पवित्र ग्रंथ बाइबल में कोई जिक्र नहीं है।
25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने को लेकर होते रहे हैं विवाद
क्रिसमस की तारीख को लेकर पहले कई बार विवाद होते रहे हैं। कुछ जानकार मानते हैं कि यीशु के जन्म के समय चरवाहों और उनकी भेड़ों की मौजूदगी बताती है कि यीशु के जन्म के सम वसंत का मौसम रहा होगा।
चर्च के अधिकारी जब तीसरी शताब्दी के आखिर में 25 दिसंबर को लेकर एकमत हुए तो एक मान्यता ये भी है कि वे संभवत: शनि (कृषि के रोमन देवता) और मिथ्रा (पर्सियन समाज में प्रकाश के देवता) को सम्मानित करने वाले तब के मूर्तिपूजक त्योहारों के साथ इसका मेल कराना चाहते थे।
इसके बाद क्रिसमस धीरे-धीरे पश्चिमी दुनिया में 25 दिसंबर को मनाया जाने लगा। हालांकि, फिर भी कई ईसाई एपिफेनी (Epiphan) और ईस्टर को ज्यादा महत्व देते थे। बाद में ये ट्रेंड बदलता चला गया।
क्रिसमस 25 दिसंबर को क्यों मनाते हैं
कई जानकारों का मत है कि ईयर-1 में यीशु का जन्म नहीं हुआ बल्कि उससे कुछ पहले हुआ हो। इसमें भी सबसे ज्यादा उम्मीद यही है कि यीशु के जन्म का सबसे करीबी साल 4 ईसा पूर्व रहा हो।
जानकारों के अनुसार 25 दिसंबर, 336 AD को पहली बार क्रिसमस रोमन शासक कोस्टेंटिन के शासन में मनाया गया था। कोस्टेंटिन पहले क्रिश्चन रोमन शासक थे। हालांकि, ये उत्सव रोमन शासक की ओर से आधिकारिक उत्सव नहीं था।
इसके अलावा भी क्रिसमस को 25 दिसंबर को ही मनाने को लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं।
क्रिसमस को लेकर प्रचलित मान्यता ये भी है कि वह मार्च की 25 तारीख थी जब मैरी ने बताया कि जल्द ही उनका एक विशेष बच्चा पैदा होने वाला है। इसे Annunciation कहा जाता है और इसे अब भी 25 मार्च को मनाया जाता है। इसी 25 मार्च के नौ महीने बाद यानी 25 दिसंबर को यीशु का जन्मदिन मानकर क्रिसमस मनाने की परंपरा शुरू हुई।