मौनी अमावस्या 2018: शुभ मुहूर्त में करें पूजा, इन वस्तुओं का दान दिलाएगा धन और वैभव
By गुलनीत कौर | Published: January 16, 2018 09:34 AM2018-01-16T09:34:52+5:302018-01-16T09:36:06+5:30
मौनी अमावस्या पर विधिवत पूजन और व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।
माघ महीने में पड़ने वाली 'मौनी अमावस्या' इस बार 16 जनवरी को है। यूं तो साल भर में हर महीने अमावस आती है, लेकिन हिन्दू धर्म में बेहद पवित्र माने जाने वाले माघ महीने की अमावस्या का सर्वाधिक महत्व है। यह अमावस्या पूजा, पाठ, व्रत और दान-पुण्य के लिए जानी जाती है। कहते हैं इस अमावस्या को विधिवत पूजन और व्रत करने वाले पर पितरों का आशीर्वाद बरसता है।
इस वर्ष मौनी अमावस्या 16 जनवरी, दिन मंगलवार को है। पूजन और स्नान का शुभ समय 16 जनवरी की सुबह 5 बजकर 11 मिनट से प्रारंभ होकर अगले दिन यानी 17 जनवरी बुधवार की सुबह 7 बजकर 47 मिनट तक का है। इस दौरान भारत की पवित्र नदियों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिलता है।
मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है। इसके अलावा मान्यता है कि विधिवत पूजन और व्रत करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है। साथ ही कुण्डली दोष को शांत करने और इच्छा पूर्ति के लिए भी दान-पुण्य किया जाता है।
मौनी अमावस्या पूजा विधि-
अमावस्या की सुबह शुभ मुहूर्त में उठ जाएं। स्नान के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब घर के मंदिर जाकर या घर में ही भगवान की मूर्ती के सामने आसन लगाकर हाथ जोड़कर बैठ जाएं। भगवान विष्णु के किसी भी मंत्रा का एक माला जाप करें।
जाप समाप्त होने के बाद आप चाहें तो विष्णु स्वरूप को दूध से अभिषेक भी करा सकते हैं। इसके अलावा मौनी अमावस्या पर यन्त्र पूजन का भी महत्त्व बताया गया है। इसके लिए आप किसी कर्मकांडी की मदद से विधिवत पूजन कर सकते हैं।
पूजा के बाद इन वस्तुओं का दान करें-
गरीबों में भोजन, अनाज, ऊनी वस्त्र का दान करें। गाय को हरी घास का चारा खिलाएं। धन, सुख और वैभव प्राप्ति के लिए पीपल के पेड़ की जड़ों में कच्चा दूध या जल चढ़ाएं।