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Matsya Dwadashi 2019: मत्स्य द्वादशी आज जानिए भगवान विष्णु ने क्यों लिया था ये अनोखा अवतार, पढ़िए पौराणिक कथा

By मेघना वर्मा | Updated: December 9, 2019 09:20 IST

मान्यता है कि भगवान विष्णु और भगवान शिव ने धरती को बचाने के लिए अनेकों अवतार लिए हैं। जिनकी लोग पूजा करते हैं।

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ठळक मुद्देसनातन धर्म में भगवान विष्णु को दशावतार भी कहा जाता है। भगवान विष्णु के इसी अवतार की पूजा करने के लिए हर साल मत्सय द्वादशी मनाई जाती है।

हिन्दू धर्म में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश को सबसे ऊंचा दर्जा दिया जाता है। सृष्टि के निर्माण के साथ इसे चलाने और बचाने के लिए भी इन तीनों भगवानों को पूजा जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु और भगवान शिव ने धरती को बचाने के लिए अनेकों अवतार लिए हैं। जिनकी लोग पूजा करते हैं। इन्हीं अवतारों में से एक है भगवान वष्णु का मत्स्य अवतार। इस अवतार में भगवान विष्णु ने मछली का रूप धारण किया था। 

भगवान विष्णु के इसी अवतार की पूजा करने के लिए हर साल मत्स्य द्वादशी मनाई जाती है। जिसमें भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का रूप धारम करके दैत्यों का संहार किया था। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस बार मत्स्य द्वादशी 9 दिसंबर को पड़ी है।

भगवान विष्णु ने लिए थे 10 अवतार

सनातन धर्म में भगवान विष्णु को दशावतार भी कहा जाता है। पृथ्वी और पृथ्वीवासियों के लिए भगवान विष्णु ने 10 अवतार लिए थे। कहा जाता है कि जब मानव अन्याय और अधर्म के दलदल में खो जाता है, तब भगवान विष्णु उसे सही रास्ता दिखाने हेतु अवतार ग्रहण करते हैं। भगवान विष्णु के इन 10 अवतारों हैं-

1. मत्स्य2. कूर्म3. वराह4. नरसिंह5. वामन6. परशुराम7. राम8. कृष्ण9. बुद्ध10. कल्कि(ये कलयुग के देवता होंगे)

मत्स्य का अवतार

हिन्दू धर्म के धार्मिक ग्रंथों के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी की असावधानी से राक्षस हयग्रीव ने वेदों को चुरा लिया। इसके बाद वह लुप्त हो गया। कुछ समय बाद सभी लोक में अज्ञानता और अंधकार फैलने लगा। जब सभी देव भगवान विष्णु के पास मदद की गुहार लगाकर पहुंचें तो श्रीहरि ने मत्स्य का रूप धारण कर लिया। इसके बाद दैत्य हयग्रीव का वध कर दिया। वेदों की रक्षा करने के बाद उन्हें वापिस ब्रह्मा जी को सौप दिया।

तभी से हर साल भगवान विष्णु के इस अवतार को पूजा जाता है। मान्यता है कि यह अवतार भगवान विष्णु का पहला अवतार था। इनकी पूजा करने से भगवान विष्णु भक्तों के कष्ट को हर लेते हैं और सारे संकट दूर करते हैं।

टॅग्स :भगवान विष्णु
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