मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022: अगहन पूर्णिमा 7 दिसंबर को, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Published: December 4, 2022 03:40 PM2022-12-04T15:40:13+5:302022-12-04T15:41:01+5:30

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इसके साथ इस दिन दिन चंद्र देव की भी आराधना की जाती है। 

Margashirsha Purnima 2022 date muhurat puja vidhi and significance | मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022: अगहन पूर्णिमा 7 दिसंबर को, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2022: अगहन पूर्णिमा 7 दिसंबर को, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Margashirsha Purnima 2022: मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत इस बार 07 दिसंबर, बुधवार के दिन रखा जाएगा। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान-दान करने का महत्व है। मार्गशीर्ष मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा या फिर अगहन पूर्णिमा कहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के कृष्ण स्वरूप की व्रत और पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का श्रवण किया जाता है, माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इसके साथ इस दिन दिन चंद्र देव की भी आराधना की जाती है। 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि मुहूर्त

मार्गशीर्ष पूर्णिमा कब है - 07 दिसंबर 2022, बुधवार
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 07 दिसंबर 2022 को प्रात: 08 बजकर 01 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 08 दिसंबर 2022 को सुबह 09 बजकर 37 मिनट तक 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पूजा विधि

प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। 
इसके बाद विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा करें। 
भगवान नारायण की पूजा धूप, दीप आदि से करें।
भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें। 
इसके बाद चूरमा का भोग लगाएं। यह इन्हें अतिप्रिय है। 
बाद में चूरमा को प्रसाद के रुप में बांट दें। 
पूजा के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा देना न भूलें। 

मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि का महत्व

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत एवं पूजन करने सभी सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जगत के पालनहार की कृपा बरसती है।  पौराणिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अमृत बरसाता है। इस दिन बाहर खीर रखना चाहिए। फिर इसका दूसरे दिन सेवन करें। अगर आपके कुंडली में चंद्र ग्रह दोष है, तो इस दिन चंद्रमा की पूजा करना चाहिए। 

Web Title: Margashirsha Purnima 2022 date muhurat puja vidhi and significance

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