मार्गशीर्ष अमावस्या पर बन रहे हैं ये तीन शुभ योग, पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें इन चीजों का दान

By रुस्तम राणा | Updated: November 22, 2022 14:05 IST2022-11-22T14:05:59+5:302022-11-22T14:05:59+5:30

इस बार तो मार्गशीर्ष अमावस्या पर तीन शुभ योग बन रहे हैं। इन तीन शुभ योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और शोभन योग शामिल हैं।

Margashirsha Amavasya 2022 Date and significance | मार्गशीर्ष अमावस्या पर बन रहे हैं ये तीन शुभ योग, पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें इन चीजों का दान

मार्गशीर्ष अमावस्या पर बन रहे हैं ये तीन शुभ योग, पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए करें इन चीजों का दान

Margashirsha Amavasya 2022: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। हर माह में अमावस्या तिथि आती है और हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह मार्गशीर्ष माह चल रहा है। इसे अगहन मास भी कहते हैं। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या 23 नवंबर, बुधवार को है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्नान दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही पितृ दोष की मुक्ति के लिए इस दिन तर्पण किया जाता है। इस बार तो मार्गशीर्ष अमावस्या पर तीन शुभ योग बन रहे हैं। इन तीन शुभ योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और शोभन योग शामिल हैं। इन योग में अमावस्या तिथि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।  

मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 

अमावस्या तिथि प्रारंभ - 23 नवंबर, 2022 बुधवार, सुबह 06:53 बजे से 
अमावस्या तिथि समाप्त - 24 नवंबर. 2022 गुरुवार, प्रात: 04:26 बजे तक

मार्गशीर्ष अमावस्या पर शुभ मुहूर्त

शोभन योग - 22 नवंबर को शाम 06 बजकर 38 मिनट से 23 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 40 मिनट तक
अतिगंड योग - 23 नवंबर को दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से 23 नवंबर को रात 09 बजकर 37 मिनट तक 
सर्वार्थ सिद्धि योग -  23 नवंबर को रात 09 बजकर 37 मिनट से 24 नवंबर गुरुवार को प्रात: 06 बजकर 51 तक

मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि

प्रातः काल नदी, तालाब, या नल पर स्नान करें और फिर व्रत का संकल्प करें। 
अब सूर्य देव को तांबे के लोटे में फूल और अक्षत लेकर अर्घ्य देना चाहिए। 
पितरों को जल चढ़ाना चाहिए और पितरों के निमित्त तर्पण करें। 
व्रत के उपरांत गरीबों और ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान दें, और भोजन कराएं

मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि अगहन अमावस्या के दिन पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए श्राद्ध किया जाता है। अमावस्या के दिन व्रत किया जाता है और इससे पितर प्रसन्न होते हैं। जब पितर प्रसन्न होते हैं तो घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का माहौल रहता है। अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। साथ ही गरीबों व जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से भी लाभ मिलता है।

इन चीजों का करें दान

आमावस्या के दिन कुछ विशेष चीजों का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन आप गरीब या जरुरतमंद लोगों में तिल, तेल, चावल, चद्दर, छाता, चना, खिचड़ी, पुस्तक, साबूदाना, मिठाई, चने की दाल, अन्न, वस्त्र, रुई, उड़द की दाल दान कर सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए कल्याणकारी होगा। 

Web Title: Margashirsha Amavasya 2022 Date and significance

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