Malmas 2023: शुरू हो चुका है अधिक मास का महीना, जानें क्यों इस माह का नाम पड़ा पुरुषोत्तम मास?
By अंजली चौहान | Published: July 19, 2023 05:21 PM2023-07-19T17:21:01+5:302023-07-19T17:25:48+5:30
ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में किए गए अच्छे कर्मों का फल कर्ता को बहुत अधिक मिलता है।
Malmas 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, 18 जुलाई, 2023 से अधिक मास या मलमास या फिर पुरुषोत्तम मास शुरू हो गया है। 'अधिक मास' या 'पुरुषोत्तम मास' के नाम से जाना जाने वाला हिंदू कैलेंडर में एक चंद्र महीना है जो भगवान विष्णु के लिए बहुत खास माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में किए गए अच्छे कर्मों का फल कर्ता को बहुत अधिक मिलता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, अधिक मास के अधिपति भगवान विष्णु है और पुरुषोत्तम राम भगवान विष्णु का ही एक अवतार माने जाते हैं। इस माह को लेकर शास्त्रों में कई कथाएं प्रचलित है जो इसके अलग-अलग नामों को दर्शती है।
इसे अधिक मास क्यों कहा जाता है?
चूंकि चंद्रमा आधारित कैलेंडर थोड़ा पीछे हो जाता है इसलिए लगभग हर 2.5 साल में एक अंतराल महीना जोड़ा जाता है। इसे ही अधिक मास कहा जाता है। इस साल अधिक मास या मलमास का महीना 18 जुलाई से शुरू हुआ है जो कि 16 अगस्त 2023 तक रहेगा। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है।
श्रीमद्भगवद गीता का पाठ करना शुभ
हिंदू इस पवित्र महीने को अतिरिक्त प्रार्थनाओं के साथ मनाते हैं। भगवान विष्णु के पवित्र नामों के जाप के साथ भगवद गीता, श्रीमद्भागवतम और अन्य धार्मिक ग्रंथों को पढ़ना। इसके अलावा, लोग जीवन में आशीर्वाद पाने के लिए अपने देवता और घर देवता या देवी की प्रार्थना भी करते हैं। इस अवधि के दौरान दैवीय कृपा पाने के लिए भगवद गीता के 'पुरुषोत्तम योग' अध्याय को सीखने और पढ़ने की सलाह दी जाती है।
अधिक मास कैसे बना पुरुषोत्तम मास
हिंदू शास्त्रों में अधिक मास को लेकर बहुत सी कथाएं प्रचलित है जिनमें से एक इस प्रकार है। एक समय की बाद है अज मलमास का कोई स्वामी देवता नहीं था जिससे उसकी कहीं भी इज्जत नहीं होती थी हर जगह वह निंदा का पात्र बनता।
इससे दुखी होकर मलमास भगवान विष्णु के पास गया और अपनी आप बीती सुनाई। भगवान विष्णु मलमास को अपने अवतार श्री कृष्ण के पास लेकर गए। श्रीकृष्ण ने जब मलमास की कहानी सुनी तो उन्हें दुख हुआ और उन्होंने अधिक मास या मलमास को वरदान दिया।
श्री कृष्ण ने कहा कि आज से मैं तुम्हारा स्वामी हूं और जिस तरह भगवान कृष्ण और राम को पुरुषोत्तम कहा जाता है वैसे तुम्हें भी कहा जाएगा। कृष्ण भगवान ने आशीर्वाद देते हुए मलमास से कहा कि तीन साल में तुम एक बार जब आओगे तो लोग पूरे महीने पूजा पाठ करेंगे और भक्ति में डूबे रहेंगे और उन्हें कर्म का तीन गुना अधिक फल मिलेगा।
(डिस्क्लेमर: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। लोकमत हिंदी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)