संक्रांति पर एक ही राशि में होंगे पांच ग्रह, दुर्लभ पंचग्रह योग, सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 बजे तक होगा पुण्यकाल, जानिए सबकुछ

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 8, 2021 04:40 PM2021-01-08T16:40:53+5:302021-01-08T16:42:09+5:30

मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित उमेश तिवारी ने बताया कि मकर संक्रांति पर देवताओं के दिन का उदय होता है और दैत्यों की रात होती है.

makar sankranti 2021 rashifal planet prediction combination of planets 8.30 am to 5.46 pm auspicious time | संक्रांति पर एक ही राशि में होंगे पांच ग्रह, दुर्लभ पंचग्रह योग, सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 बजे तक होगा पुण्यकाल, जानिए सबकुछ

इस वर्ष मकर संक्रांति पर पूजा-पाठ, स्नान और दान का विशेष महत्व होगा. (file photo)

Highlightsसूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है और वह उत्तरायण होता है. मकर संक्रांति को अलग-अलग राज्य में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. पंडित तिवारी के अनुसार मकर संक्रांति पौष मास का प्रमुख पर्व है.

नागपुरः साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति इस वर्ष शुभ फलदायी होगा. इस दिन मकर राशि में पांच ग्रह होने से यह शुभ फलदायी है.

इसके अलावा इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता है. इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. इस संबंध में जानकारी देते हुए पंडित उमेश तिवारी ने बताया कि मकर संक्रांति पर देवताओं के दिन का उदय होता है और दैत्यों की रात होती है.

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होता है और वह उत्तरायण होता है. मकर संक्रांति को अलग-अलग राज्य में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. पंडित तिवारी के अनुसार मकर संक्रांति पौष मास का प्रमुख पर्व है. इस दिन माघ मास का आरंभ होता है. इस वर्ष मकर संक्रांति पर पूजा-पाठ, स्नान और दान का विशेष महत्व होगा.

सुबह 8 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 30 मिनट तक विशेष पुण्यकाल होगा. इसके पश्चात सूर्यास्त तक सामान्य पुण्यकाल होगा. संक्रांति का आगमन पूर्व से होगा. उसका मुख उत्तर दिशा की ओर होगा. उन्होंने बताया कि इस बार मकर संक्रांति पर सूर्य, शनि, गुरु, बुध और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. पांच ग्रहों का एक ही राशि में गोचर करना एक शुभ योग होता है.

इस दिन किया गया दान और स्नान जीवन में बहुत ही पुण्य फलदायी होता है. मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है. संक्रांति पर यह करना चाहिए पंडित तिवारी के अनुसार मकर संक्रांति के दिन प्रात: स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. नए अन्न, कंबल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप में ग्रहण करें.

दान का विशेष महत्व पंडित तिवारी के अनुसार मकर संक्रांति के दिन किया गया दान कई गुना फलदायी होता है. मकर संक्रांति से ऋतु परिवर्तन होने लगता है. इस दिन स्नान और दान-पुण्य जैसे कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने और खाने का खास महत्व होता है. इसी कारण इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है. तिल-गुड़ या सफेद कपड़े, कंबल का भी दान किया जा सकता है.

राशि पर प्रभाव मकर संक्रांति पर...

मेष राशि के लिए कार्यसिद्धि का योग बनेगा.

वृषभ राशि वाले धार्मिक कार्यों में रुचि लेंगे.

मिथुन राशि वालों को परिश्रम और संघर्ष करना होगा.

कर्क राशि वालों को मान तथा प्रतिष्ठा प्राप्त होगी.

सिंह राशि वालों के लिए यह संतोषजनक होगा.

कन्या राशिवालों को मनवांछित फल मिलेगा.

तुला राशि वालों को पारिवारिक चिंता होगी.

वृश्चिक राशि वालों की आर्थिक उन्नति होगी.

धनु राशि वालों के लिए मकर संक्रांति संतोषदायी होगी.

मकर राशि के लिए धन लाभ का योग

कुंभ राशिवालों के खर्चों में अचानक वृद्धि होगी.

मीन राशि वालों को धन लाभ होगा.

संक्रांति पर ये करें दान

मेष - गुड़ मिश्रित सामग्री

वृषभ - घी, सफेद मिष्ठान्न

मिथुन - तरल पदार्थ, हरा चना

कर्क- दूध-दही

सिंह - खीर का दान, रेवड़ी

कन्या - खिचड़ी, लड्डू

तुला - सफेद वस्तुओं का दान

वृश्चिक - गुड़, फलीदाना, लाल वस्तु

धनु- बेसन का मिष्ठान्न

मकर- चावल, उड़द

कुंभ - तिल का तेल

मीन- रेशमी वस्त्र, सौभाग्य सामग्री.

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