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Mahavir Jayanti 2018: आज है महावीर जयंती, अपने करीबियों को इन संदेशों से करें विश

By धीरज पाल | Updated: March 29, 2018 09:27 IST

Mahavir Jayanti 2018 (महावीर जयंती): भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर हैं। सत्य और अहिंसा का संदेश देने वाला महावीर का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था।

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महावीर या वर्धमान महावीर जैन धर्म के प्रवर्तक भगवान ऋषभनाथ की परम्परा में 24वें जैन तीर्थंकर थे। महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था। इस बार महावीर जयंती 29 मार्च 2018  को पड़ रहा है। महावीर अहिंसा के मूर्तिमान प्रतीक थे। उनका जीवन त्याग और तपस्या से भरा हुआ था। इनकी माता का नाम 'त्रिशला देवी' और पिता का नाम 'सिद्धार्थ' था। बचपन में महावीर का नाम 'वर्धमान' था, लेकिन बाल्यकाल से ही यह साहसी, तेजस्वी, ज्ञान पिपासु और अत्यंत बलशाली होने के कारण 'महावीर' कहलाए। भगवान महावीर ने अपनी इन्द्रियों को जीत लिया था, जिस कारण इन्हें 'जीतेंद्र' भी कहा जाता है।  

माना जाता है कि जिस युग में हिंसा, पशुबलि, जाति-पांति का भेदभाव अपने चरम सीमा पर था उसी युग भगवान महावीर ने जन्म लिया और इसके खिलाफ अपनी अवाज अहिंसा व शांतिपूर्ण उठाई। इस दौरान उन्हें ढेर सारे कठिनाईयों का मुकाबला करना पड़ा था। इस दिन विश्वभर के जैन मंदिरों में भगवान महीवर की लोग पूजा अर्चना करते हैं। 

यह भी पढ़ें- जैन महाकुंभ 2018: श्रवणबेलगोला में गोम्मटेश्वर भगवान 'बाहुबली' का हुआ महामस्तकाभिषेक, जुड़ी है ये पौराणिक कथा

एंग्लो कैलेंडर के अनुसार 29 मार्च 2018 को महावीर जयंती हैं। यह जैन धर्म का प्रमुख त्योहारों में से एक हैं। इस मौके पर अगर आप अपने दोस्तों और रिश्तेदोरों को भगवान महावीर जयंती पर बधाई संदेश भेजना चाहते हैं तो इन कोट्स के साथ आप भेज सकते हैं।

 1. प्रत्येक जीव स्वतंत्र है, कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता

2. सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है

3. आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है

4. आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है, असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं- क्रोध, घमंड, लालच,आसक्ति और नफरत

5. प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है, आनंद बाहर से नहीं आता

6. खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है

7. स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना? वह जो स्वयं पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी

8. हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो, घृणा से विनाश होता है

9. आपने कभी किसी का भला किया हो तो उसे भूल जाओ और कभी किसी ने आपका बुरा किया हो तो उसे भी भूल जाओ

10.  "सत्य" "अहिंसा" धर्म हमारा,"नवकार" हमारी शान है,"महावीर" जैसा नायक पाया…"जैन हमारी पहचान है"

टॅग्स :जैन धर्मपूजा पाठ
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