लाइव न्यूज़ :

Mahashivratri 2021: उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिव-पार्वती विवाह उत्सव शुरू, पहले दिन भोले शंकर को लगा चंदन का उबटन

By बृजेश परमार | Updated: March 4, 2021 09:53 IST

Mahashivratri 2021: महाशिवरात्रि का त्योहार इस बार 11 मार्च को है। ऐसे में उज्जैन के महाकाल मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह उत्सव शुरू हो गया है।

Open in App
ठळक मुद्देउज्जैन के महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत, 9 दिन चलेगा आयोजनशिवनवरात्रि के दौरान मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश रहेगा प्रतिबंधितभगवान महाकालेश्वर को चंदन का उबटन लगाकर पहले दिन विशेष श्रृंगार किया गया

उज्जैन:महाशिवरात्रि पर्व के 9 दिन पहले महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव और पार्वती के विवाह का उत्सव शुरू होता है। बुधवार सुबह कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित कोटेश्वर महादेव की विशेष पूजन के बाद भगवान महाकाल को चंदन का उबटन लगाकर इसकी शुरूआत हुई। 

शिवरात्रि तक अब महाकाल के अलग-अलग स्वरूप में श्रृंगार किया जाएगा। कोटितीर्थ स्थित कोटेश्वर महादेव मंदिर में भगवान कोटेश्वर रामेश्वर का पूजन अभिषेक शासकीय पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा 11 ब्राम्हणों के साथ किया गया।

सबसे पहले भगवान गणेश अंबिका पूजन हुआ। इसके पश्चात षोडशोपचार पूजन, रूद्राभिषेक के बाद वरूणी पूजन विधि सम्पन्न हुई। कोटेश्वर महादेव मंदिर में पूजन विधि के बाद भगवान महाकालेश्वर को चंदन का उबटन लगाकर विशेष श्रृंगार किया गया।

महाशिवरात्रि: भगवान शिव के विवाह का उत्सव, महाकाल बनेंगे दूल्हा

अगले 9 दिनों तक मंदिर प्रांगण में भगवान महाकाल के विवाह का उत्सव मनेगा जिसके अंतर्गत प्रतिदिन भगवान के अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार होगा और शिवरात्रि पर महाकाल दूल्हा बनेंगे। 

अगले दिन सेहरा श्रृंगार के बाद भक्तों को महाकाल दूल्हे के रूप में दर्शन देंगे। वर्ष में एक बार दोपहर में इसी दिन भस्मार्ती होती है।

मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक एसके तिवारी के अनुसार शिव नवरात्रि में सबसे पहले कोटितीर्थ कुण्ड स्थित कोटेश्वर महादेव पर शिवपंचमी का पूजन अभिषेक किया गया। 

कोटेश्वर महादेव के पूजन आरती के पश्चात श्री महाकालेश्वर जी का पूजन –अभिषेक एवं 11 ब्राम्ह्णों द्वारा एकादश – एकादशिनी रूद्राभिषेक किया गया। इसके बाद भोग आरती होती है। साथ ही भगवान का संध्या पूजन पश्चात श्रृंगार किया गया। 

शिवनवरात्रि के दौरान मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इस दौरान भगवान श्री महाकाल के दर्शन नंदीमंडपम के पीछे लगे बैरीकेट्स से होंगे। प्रतिदिन श्री महाकाल भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। 

पहले दिन शिवपंचमी को भगवान श्री महाकाल का चन्दन का श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्ड माल, छत्र आदि से श्रृंगार किया गया।

Mahashivratri 2021: 9 दिन तक ऐसे होगा महाकाल का श्रृंगार

04 मार्च - शेषनाग श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र,05 मार्च -घटाटोप श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र, 06 मार्च -छबीना श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र,07 मार्च -होल्कर श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र 08 मार्च -श्री मनमहेश श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र, 09 मार्च - श्री उमा महेश श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र, 10 मार्च -शिवतांडव श्रृंगार, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र,11 मार्च -महाशिवरात्रि पर सतत जलधारा रहेगी 12 मार्च - सप्तधान श्रृंगार (सेहरा दर्शन), कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र14 मार्च - चंद्र दर्शन, पंचानन दर्शन, कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुण्डमाल, छत्र आदि धारण कराये जायेंगे।

महाशिवरात्रि पर परंपरागत हरिकीर्तन प्रतिदिन

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में बुधवार से 11 मार्च तक शिवनवरात्रि में प्रतिदिन हरिकीर्तन होगा। लगातार वर्ष 1909 से कानडकर परिवार, इन्दौर द्वारा वंश परम्परानुसार हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है। 

इस के तहत सुविख्यात हरिकीर्तन स्व. पं. श्रीराम कानडकर के सुपुत्र कथारत्न हरिभक्त व परायण पं. रमेश कानडकर द्वारा बुधवार को शिवकथा हरिकीर्तन का आयोजन दोपहर बाद 4 से 6 बजे तक मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर शुरू किया गया।

टॅग्स :महाशिवरात्रिहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय