हिन्दू धर्म में फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का बहुत ही महत्व है। फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 11 मार्च को है। शिवरात्रि में रात के समय चतुर्दशी तिथि का अधिक महत्व है क्योंकि शिवरात्रि का अर्थ ही है शिव की रात्रि है।
मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। ज्योतिष आचार्यों के मुताबिक, 101 साल बाद इस त्योहार पर एक विशेष संयोग बनने जा रहा है। आइये जानतें है इस मौके पर कैसे राशि अनुसार शिव जी पूजा करें
मेष राशि
मेष राशि के स्वामी मंगल हैं।शिवजी को शहद और गुड़ अर्पित करें।शिवजी को मसूर की दाल अर्पित करने से कर्ज मुक्ति होती है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं।शिवजी को चावल अर्पित करें।दूध से शिवजी का अभिषेक करें।इससे आपके जीवन के सारे अभाव दूर होंगे।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं।शिवजी को गन्ने का रस अर्पित करे।1008 बेल पत्र ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिवजी को अर्पित करने से जीवन की रूकावटें दूर होंगी।
कर्क राशि
शिवजी के द्वादश नाम का स्मरण और पंचामृत से शिवजी का अभिषेक करना चाहिएइससे न केवल चंद्र ग्रह से मिल रही पीड़ा दूर होगी, बल्कि पितृ भी प्रसन्न होते हैं।
सिंह राशि
काले पत्थर के शिवलिंग पर लाल चंदन का लेप करें।शिवजी को गुड़हल के पुष्प अर्पित करें।शिवलिंग पर लगे सर्प का भी पूजन करें। इससे आपके सारे कार्य बिना रूकावट संपन्न होंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के स्वामी बुध हैं।शिवजी को 108 बेल पत्र और 108 धतूरे अर्पित करें।शिव महिम्नस्तोत्र का पाठ करें। इससे से आपको नौकरी, व्यापार सभी में लाभ प्राप्त होगा।
तुला राशि
शिवजी को केसर का दूध अर्पित करें। इसके साथ ही गरीबों को खीर खिलाएं।
वृश्चिक राशि
ॐ अन्गारेश्वराय नमः मंत्र का जाप करें।दूध और घी से शिवजी का अभिषेक करें।
धनु राशि
महाशिवरात्रि पर शिवजी को इत्र अर्पित करें।गुलाब के पुष्पों से शिवजी का श्रंगार करें।शिवजी के सहस्त्र नाम का पाठ करें। सारे संकट दूर होंगे।
मकर राशि
शिवजी का जलाभिषेक करें। शिवजी को काले तिल अर्पित करेंतिल से बनी मिठाई अर्पित करें।
कुंभ राशि
दूध, दही, शक्कर, घी, शहद सभी से शिवजी का अभिषेक और ॐ शिवाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।शिवाष्टक का पाठ करें। कार्यो की बाधाएं दूर होंगी
मीन राशि
शिवजी का अभिषेक केसर के दूध या पंचामृत से करें।शिवजी को जनेऊ अर्पित करें।