Mahabharat: लाखों सैनिकों का भोजन कौन बनाता था और कैसा पता चलता था, कितने सैनिक मारे जाएंगे?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 6, 2020 11:04 AM2020-02-06T11:04:49+5:302020-02-06T11:07:59+5:30

Mahabharat: महाभारत के 18 दिन चले युद्ध के दौरान आखिर सैनिकों के लिए खाने का प्रबंध किसने किया और कैसे उसे पता चलता था रोज कितने सैनिकों का खाना बनाना है? पढ़ें ये रोचक कथा...

Mahabharat stroy in Hindi how food management was done and why Shri Krishna eat peanuts for 18 day | Mahabharat: लाखों सैनिकों का भोजन कौन बनाता था और कैसा पता चलता था, कितने सैनिक मारे जाएंगे?

Mahabharat: कैसे होता था लाखों सैनिकों के लिए भोजन का प्रबंध, जानिए

Highlightsमहाभारत की कथा के अनुसार इस युद्ध में लाखों सैनिकों ने लिया था हिस्साउडुपी राज्य के राजा ने संभाली था सभी सैनिकों के लिए भोजन की जिम्मेदारी

Mahabharat:महाभारत के युद्ध से जुड़ी कई अद्भुत कहानियां अब भी ऐसी हैं जिसके बारे में कई लोग नहीं जानते हैं। इसमें से ही एक महाभारत युद्ध के दौरान सैनिकों के लिए भोजन बनाने से जुड़ी कहानी भी है।

मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण की एक अक्षौहिणी नारायणी सेना सहित कौरवों के पास इस युद्ध में 11 अक्षौहिणी सेना थी। वहीं, पांडवों ने दूसरे-दूसरे राजाओं की मदद से 7 अक्षौहिणी सेनाओं को अपने साथ मिलाया था। इस तरह एक अनुमान के अनुसार कौरव-पांडवों के युद्ध में करीब 20 लाख सौनिकों ने हिस्सा लिया था। 

ऐसे में इतने लोगों के लिए भोजन बनाना भी आसान नहीं था। दिलचस्प ये भी है कि हर दिन युद्ध में हजारों की संख्या में सैनिक मारे जाते थे। ऐसी स्थिति में शाम का भोजन कितने लोगों के लिए बनाना है, ये भी एक बड़ी उलझन थी। अगर कम बन जाए तो सैनिक भूखे रह जाएंगे या फिर अगर भोजन ज्यादा बन जाता है तो ये बर्बाद भी हो सकता है।

हालांकि, 18 दिन तक चले महाभारत युद्ध में ऐसा कभी नहीं हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि इन सैनिकों के लिए खाना कौन बनाता था और कैसे उसे सटीक जानकारी मिल जाती कि कितने लोगों का खाना बनाना है। इस संबंध में भी एक दिलचस्प कहानी है।  

महाभारत युद्ध और श्रीकृष्ण की लीला

महाभारत युद्ध के बारे में ऐसी कथा है कि हर दिन भगवान श्रीकृष्ण मूंगफली खाते तथा फिर युद्ध की ओर प्रस्थान करते। श्रीकृष्ण 18 दिनों तक ऐसा करते रहे और इसके पीछ एक ऐसा रहस्य छिपा था जिसके बारे में केवल एक व्यक्ति उडुपी राज्य के राजा को ज्ञात था।

दरअसल, पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध निश्चित हो गया तो दोनों पक्षों ने दुनिया भर के राजाओं को संदेश भेजा और अपने पक्ष की ओर से युद्ध में सम्मलित होने का आग्रह किया। इसके बाद अनेक राजा इस युद्ध में सम्मलित होने पहुंचे। इनमें से एक उडुपी के राजा ऐसे थे जिन्होंने किसी भी पक्ष में युद्ध नहीं लड़ा।

उन्होंने सभी सैनिकों के लिए भोजन की जिम्मेदारी संभाली। अब राजा उडुपी के सामने समस्या थी वे शाम को कैसे निश्चित करें कि कितने लोगों का खाना बनाना है। यह समस्या उन्होंने श्रकृष्ण को बताई। श्रीकृष्ण ने तब इसकी युक्ति बताते हुए उनसे कहा कि वे हर दिन मूंगफली के कुछ दाने युद्ध के लिए रवाना होने से पहले खाएंगे। इससे संकेत मिल जाएगा कि कितने सैनिक मारे जाएंगे।

कहते हैं कि इसके बाद उडुपी के राजा को भोजन को लेकर कभी कोई संदेह नहीं रहा। वह रोज रात में कुछ मूंगफली के दाने गिन कर श्रीकृष्ण के शिविर में रख आते। सुबह वह फिर जाकर दानों को गिनते और इससे उन्हें अंदाजा मिल जाता कि आज शाम के लिए कितना भोजन पकाना है। इस तरह से पूरे युद्ध के दौरान सैनिकों को पर्याप्त भोजन खाने को मिला और खान बिल्कुल भी बर्बाद नहीं हुआ।

Web Title: Mahabharat stroy in Hindi how food management was done and why Shri Krishna eat peanuts for 18 day

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