महाभारत की लड़ाई से पहले कुरुक्षेत्र में 23 दिन तक चला था एक और भयंकर युद्ध! क्या आप जानते हैं ये कहानी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 23, 2020 10:21 AM2020-01-23T10:21:06+5:302020-01-23T11:47:45+5:30

Mahabharat: कुरुक्षेत्र में ये लड़ाई भीष्म पितामह और परशुराम के बीच उस समय लड़ी गई थी जब कौरव और पांडव का जन्म भी नहीं हुआ था। खास बात ये है कि भीष्म परशुराम के शिष्य थे।

Mahabharat story in hindi war between Parshuram and bhism pitamah in Kurukshetra | महाभारत की लड़ाई से पहले कुरुक्षेत्र में 23 दिन तक चला था एक और भयंकर युद्ध! क्या आप जानते हैं ये कहानी

महाभारत: भीष्म पितामह और परशुराम के बीच युद्ध की कहानी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsमहाभारत: कुरुक्षेत्र में भीष्म पितामह और परशुराम के बीच हुआ था भयंकर युद्धअंबा की बात सुनने के बाद परशुराम ने किया था अपने शिष्य भीष्म से युद्ध

महाभारत की कहानी हम सभी जानते हैं। मान्यताओं के अनुसार चचेरे भाईयों कौरव और पांडवों के बीच करीब 5000 साल पहले हुआ ये युद्ध कुरुक्षेत्र में हुआ था। यह क्षेत्र आज हरियाणा में मौजूद है।

कौरव और पांडवों के बीच ये लड़ाई 18 दिनों तक चली थी और इस कहानी में धर्म के प्रतीक रहे पांडव आखिर में जीत हासिल कर हस्तिनापुर की गद्दी संभालने में कामयाब रहे। वैसे क्या आप जानते हैं कि ये पहला युद्ध नहीं था जो कुरुक्षेत्र में लड़ा गया। इससे पहले भी एक भयंकर युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया था जिसे देख सभी हैरान रह गये थे। 

महाभारत: कुरुक्षेत्र में लड़ा गया भीष्म पितामह और परशुराम के बीच युद्ध

कुरुक्षेत्र में ये लड़ाई भीष्म पितामह और परशुराम के बीच उस समय लड़ी गई थी जब कौरव और पांडव का जन्म भी नहीं हुआ था। खास बात ये है कि भीष्म परशुराम के शिष्य थे। ये कहानी तब की है जब भीष्म ने काशीराज की तीन पुत्रियों का जबरन हरण कर उन्हें अपने भाई विचित्रवीर्य से विवाह के लिए विवश कर दिया। अंबिका और अंबालिका का विवाह तो विचित्रवीर्य से हो गया लेकिन अंबा ने बताया कि वह शाल्वराज से प्रेम करती है इसलिए विवाह नहीं कर सकी।

यह सुन भीष्म ने उन्हें राजा शाल्व के पास भेज दिया। हालांकि, शाल्व राजा ने यह कहकह अंबा से विवाह से इनकार कर दिया कि वे हरकर ले गई स्त्री से विवाह नहीं कर सकते। अंबा ने बार-बार शाल्व से प्रार्थना की लेकिन वे नहीं माने। कथा के अनुसार अंबा को यह विचार आया कि सारी परेशानियों की जड़ भीष्म ही हैं। 

इसलिए वे दोबारा भीष्म के पास पहुंची और कहा कि चूकी उन्होंने उनका हरण किया है और शाल्व ने भी विवाह से इनकार कर दिया तो अब उन्हें (भीष्म) उनसे विवाह करना होगा।

भीष्म ने ये कहते हुए इसे टाल दिया कि उन्होंने विवाह नहीं करने की प्रतिज्ञा ली है। इसके बाद अंबा रोते हुए परशुराम के पास गईं और सारी बता बताई। अंबा की बात सुनकर वे भीष्म से युद्ध के लिए तैयार हो गए।

भीष्म और परशुराम के बीच 23 दिन हुआ भयंकर युद्ध

गुरु-शिष्य के रिश्ते वाले दोनों महारथी इसके बाद कुरुक्षेत्र पहुंचे और भयंकर युद्ध शुरू हो गया। दोनों बलशाली थे। कभी परशुराम का पलड़ा भारी हो जाता तो कभी भीष्म का पलड़ा भारी पड़ता। इस युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकल पा रहा था। दोनों के बीच 23 दिन तक भयंकर संग्राम चलता रहा। 

आखिरकार नारद मुनि सहित भीष्म की माता गंगा और अन्य ऋषियों के समझौता कराने के बाद ये युद्द बंद हुआ। इसके बाद अंबा ने भीष्म पितामह से बदला लेने के लिए कठोर तपस्या की। आखिरकार बाद में वे शिखंडी के रूप में जन्मी और कौरव-पांडवों के बीच हुए युद्ध के दौरान भीष्म की मृत्यु का कारण बनीं।

Web Title: Mahabharat story in hindi war between Parshuram and bhism pitamah in Kurukshetra

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