Maha Shivratri: भारत से बाहर विदेशों में मौजूद ये हैं शिव के 10 बड़े मंदिर, पाकिस्तान का ये मंदिर है सबसे खास
By विनीत कुमार | Published: February 18, 2020 08:48 AM2020-02-18T08:48:28+5:302020-02-18T08:48:28+5:30
कटासराज मंदिर पाकिस्तान में स्थित है। ये प्राचीन शिव मंदिर पाकिस्तान के पंजाब के चकवाल में स्थित है।इस मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी से नवीं शताब्दी के मध्य करवाया गया था। कटासराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस में एक पहाड़ी पर है।
Mahashivratri: भगवान शिव के भारत में ऐसे तो कई ऐसे मंदिर हैं, जिनकी काफी मान्यता है। इन मंदिरों में बड़ी संख्या में हर दिन श्रद्धालुत भगवान शंकर की पूजा के लिए जुटते हैं। महाशिवरात्रि पर तो इन शिव मंदिरों की शोभा और भी बढ़ जाती है। वैसे, क्या आप जानते हैं भारत की ही तरह दूसरे देशों में भी कई ऐसे सुंदर और भव्य शिव मंदिर हैं जिनकी काफी महिमा है। किसी खास मौके पर यहां भी बड़ी संख्या में भारतीय मूल या फिर हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग जुटते हैं। आज हम आपको दुनिया भर के कुछ ऐसे ही शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं...
1. मुक्ति गुप्तेश्वर मंदिर, ऑस्ट्रेलिया: यह मंदिर ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स (NSW) प्रांत के मिंटो में स्थित है। ये मंदिर एक कृत्रिम रूप से बनाए गए गुफा में स्थित है। बता दें शिव का रूप गुप्तेश्वर 13वां ज्योतिर्लिंग है। यहां इन्ही प्रतिमा है। इस मंदिर का निर्माण 1997 में शुरू हुआ और इसका उद्घाटन 1999 में हुआ। यहां गुप्तेश्वर की जो प्रतिमा स्थापित है, उसे तब के नेपाल के महाराजा वीरेंद्र वीर विक्रम देव ने सौंपा था। यहां 12 दूसरे ज्योतिर्लिंगों का प्रतिरूप भी बनाया गया है। साथ ही 108 निर्मित शिवलिंग भी स्थापित हैं।
2. मुन्नेश्वरम मंदिर, श्रीलंका: यह मंदिर श्रीलंका के मुन्नेश्वरम नाम के एक गांव में स्थित है। इसके बारे में मान्यता है कि ये 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस मंदिर परिसर में कुल पांच मंदिर हैं। एक मंदिर शिव को समर्पित है जबकि अन्य चार मंदिर भगवान गणेश, देवी काली, अय्यान्यके और भगवान बुद्ध के है। इस मंदिर में महाशिवरात्रि काफी धूमधाम से मनाई जाती है। साथ ही मंदिर का अपना एक मुन्नेश्वरम फेस्टिवल भी है जिसमें हिंदुओं के साथ-साथ बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग भी हिस्सा लेते हैं।
3. कटासराज मंदिर, पाकिस्तान: ये प्राचीन शिव मंदिर पाकिस्तान के पंजाब के चकवाल में स्थित है।इस मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी से नवीं शताब्दी के मध्य करवाया गया था। कटासराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस में एक पहाड़ी पर है। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल में भी था। मान्यताओं के अनुसार, कटासराज मंदिर का कटाक्ष कुंड भगवान शिव के आंसुओं से बना है। कहते हैं कि जब देवी सती की मृत्यु हो गई, तब भगवान शिव उन के दुख में इतना रोए कि उससे दो कुंड बन गए। इन्हीं में एक कुंड आज के पाकिस्तान में जबकि दूसरा राजस्थान के पुष्कर में है।
4. मध्य कैलाश मंदिर, दक्षिण अफ्रीका: ये दक्षिण अफ्रीका के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यहां भगवान शिव के अलावा अन्य देवी-देवताओं की भी प्रतिमा है। यह मिडरैंड में स्थित है।
5. पशुपतिनाथ मंदिर, नेपाल: काठमांडू में स्थित भगवान शिव का ये मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर में भी शामिल किया गया है। ऐसी मान्यता है कि ये मंदिर वेद लिखे जाने से पहले ही स्थापित हो गया था। इस मंदिर का निर्माण कब हुआ, इसे लेकर ठोस जानकारी नहीं है। हालांकि, कुछ जगह पर यह उल्लेख मिलता है कि मंदिर का निर्माण सोमदेव राजवंश के पशुप्रेक्ष ने तीसरी सदी ईसा पूर्व में कराया था। बाद में इसका पुन: निर्माण 11वीं सदी में कराया गया। फिर 17वीं शाताब्दी में भी इस मंदिर का निर्माण कराया गया।