महाशिवरात्रि 2018: शिवलिंग की पूजा व परिक्रमा करते वक्त कतई न करें ये काम, होता है अशुभ!
By धीरज पाल | Published: February 11, 2018 11:10 AM2018-02-11T11:10:08+5:302018-02-13T15:04:07+5:30
महाशिवरात्रि के दिन भगवान के शिवलिंग व मूर्ति पर बेलपत्र व दूध चढ़ाते हैं।
महाशिवरात्रि इस साल महाशिवरात्रि का पावन पर्व 13 फरवरी को पड़ रहा है। हिंदू धर्म में इस पर्व का बेहद महत्व होता है। इस दिन लोग भगावन शिव के लिए उपवास रखते हैं और सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव की शादी हुई थी। पुराणों में लिखा गया है कि भगवान शिव की शादी में सभी समान्य से लेकर असमान्य देवी-देवता, दैत्य-असुर, पशु-पक्षी, भूत-प्रेत सभी शामिल हुए थे। कहा जाता है कि भगवान शिव के इस खास दिन पर उनकी कृपा भक्तों पर बनी रहती है।
शिवरात्रि के दिन जगह-जगह शिव मंदिरों को सजाया जाता है। सुबह से भक्तों की भीड़ मंदिरों में इकठ्ठा होने लगती है और यह सिलसिला देर रात तक चलता है। लोग भगवान के शिवलिंग व मूर्ति पर बेलपत्र व दूध चढ़ाते हैं। शिवलिंग को भगवान शंकर का ही स्वरूप माना जाता है। ग्रथों में इसके पूजन के बारें में विस्तार में बताया गया है। इसमें शिवलिंग की पूजा और परिक्रमा को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं जिससे भगवान शंकर जल्द प्रसन्न होकर इंसान की समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
क्यों करें परिक्रमा
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने के अलग-अलग कर्मकांड होते हैं। जिसमें से एक कर्मकांड परिक्रमा करना होता है। परिक्रमा करना यानी मन में देवी-देवताओं का नाम जपते हुए चक्कर लगाना, लेकिन अगर आप भगवान शिव की परिक्रमा कर रहे हैं तो कुछ बाते आपको जान लेना चाहिए। परिक्रमा के दौरान शिवलिंग के चारों ओर घूमने से भगवान शिव नाराज होते हैं। क्योंकि असल में शिवलिंग के नीचे का हिस्सा जहां से शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल बाहर आता है वह पार्वती का भाग माना जाता है। इसलिए शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग की परिक्रमा के दौरान आधी परिक्रमा की जाती है और फिर वापस लौटकर दूसरी परिक्रमा पूर्ण की जाती है।
शिवपुराण के अनुसार कोई भी शिवलिंग की जल की निकासी को लांघता है तो वह पापी कहलाता है और उसके भीतर की समस्त शक्ति छीन जाती है। इसलिए जल निकासी तक परिक्रमा करनी चाहिए, यानि की आधी परिक्रमा। ये भी ध्यान रखें कि कभी भी जलधारी के सामने से शिवलिंग की पूजा भी न करें। शिवलिंग के चारों ओर घूमकर परिक्रमा करने से दोष लगता है और व्यक्ति पुण्य के बजाए पाप का भागी बन जाता है।
शिवलिंग पर कतई न चढ़ाएं ये सामान
शिवरात्रि के दिन अगर आप भगवान शिव के मंदिर गए हैं और वहां आप शिवलिंग की पूजा अर्चना कर रहे हैं तो कुछ चीजें शिवलिंग पर कतई नहीं चढ़ानी चाहिए।
1. शिवलिंग पर हल्दी या मेहंदी नहीं चढ़ानी चाहिए, क्योंकि यह देवी पूजन की सामग्री है।
2. कभी भी शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
3. शिवलिंग की पूजा करते समय मुंह दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए।
4. पूजा करते समय शिवलिंग के ऊपरी हिस्से को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
5. शिवलिंग पर कभी भी तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए। इससे पूजा अपूर्ण मानी जाती है।
6. शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ानी चाहिए।
7. शिवलिंग पर लाल रंग के फूल नहीं चढ़ाए जाते। भगवान शिव को सफेद रंग के फूल चढ़ाने चाहिए।