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Maha Shivaratri 2020: महाशिवरात्रि के दिन कश्मीरी पंडित क्यों मनाते हैं 'हेरथ'? जानिए इसका महत्व और पूजा विधि

By ज्ञानेश चौहान | Updated: February 21, 2020 13:17 IST

हेरथ शब्द संस्कृत से लिया गया है। हेरथ का हिंदी अर्थ 'हररात्रि' होता है। दूसरे शब्दों में इसे 'महाशिवरात्रि' भी कहा जाता है।

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महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri 2020) का पर्व कश्मीरी पंडितों के लिए भी काफी खास होता है। जम्मू-कश्मीर में आज का दिन 'हेरथ' के तौर पर मनाया जाता है। हेरथ पर्व को जम्मू-कश्मीर में संस्कृति को संरक्षित करने के त्योहार के रूप में मनाते हैं।

'हेरथ' का मतलब

हेरथ शब्द संस्कृत से लिया गया है। हेरथ का हिंदी अर्थ 'हररात्रि' होता है। दूसरे शब्दों में इसे 'महाशिवरात्रि' भी कहा जाता है। यह कश्मीरी पंडितों का खास त्योहार होता है। आज के दिन कश्मीरी पंडित भगवान शिव को उनके परिवार के साथ घर में स्थापित करते हैं। 
ऐसी मान्यता है कि महादेव को उनके परिवार के साथ घर में स्थापित करने से वह वटुकनाथ मेहमान बनकर घर में रहते हैं। इस त्योहार की खुशी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि हेरथ पर्व मनाने के लिए कश्मीरी पंडितों एक महीने पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं।

'हेरथ' पूजा विधि

सबसे पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हेरथ के दिन भगवान शिव को उनके संपूर्ण परिवार के साथ घर में स्थापित करें। पूजा के दौरान कलश और गागर में अखरोट भरकर रखें। हिंदू धर्म में अखरोट को चारों वेदों का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद भगवान शिव का फूल, बेलपत्र, धतूरा से अभिषेक करें। ऐसा करने से हेरथ की पूजा संपन्न होती है।
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