रोशनी और दीयों का पर्व दिवाली इस बार 7 नवंबर को मनाया जाएगा। कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाने वाले इस त्योहार में लोग अपने घरों में दीये और रोशनी से प्रकाश करते हैं। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने से घर में सुख-शांति और धन-संपदा पाने के लिए इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। आइए बताते हैं क्या है महालक्ष्मी और श्री गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे भगवान राम
पुराणों में बताया गया है कि आज ही के दिन भगवान राम 14 साल वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत के बाद लोगों ने खुशियों में दीप जलाएं थे। तब से आज तक ये दिन रोशनी के दिन यानी दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन की मान्यता ये भी है कि भगवान कृष्ण ने इसी दिन नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इसलिए भी इस दिन को पूजनीय बताया जाता है।
महालक्ष्मी और श्री गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त
दिवाली के दिन सही समय और शुभ मुहूर्त पर पूजा करने से लाभ मिलता है। दिवाली के त्योहार पर प्रदोष काल में लक्ष्मी का पूजन शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इससे गरीबी भी दूर होती है। इस साल ये लक्ष्मी पूजन शाम 5 बजकर 57 मिनय से 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। इस मुहूर्त में पूजा करने से धन और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।
शास्त्रों में दिवाली
दिवाली के दिन प्रदोष काल में ही दीप प्रज्वलन करके महालक्ष्मी की पूजन और श्री गणेश और कुबेर की पूजा भी की जाती है। इस दिन के लिए शास्त्रों में लिखा गया है कार्तिक कृष्ण पक्षे च प्रदोषे भूतदर्शयो, नर प्रदोष समये दीपान दद्दात मनोरमान। तत्वचिंतामणि। दिवाली के दिन घर में प्रदोष काल से ही महालक्ष्मी पूजन प्रारंभ करके अर्धरात्रि तक जप और अनुष्ठान आदि करने का विशेष महत्व होता है।
ऐसे घर में सदैव रहेगा धन की देवी लक्ष्मी का वास
दीपावली के दिन आप घर या फिर दुकान में धन रखने के लिए उत्तर की दिशा को चुनें। मान्यता है कि ऐसा करने से कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती। इसलिए आप अपनी कमाई को इसी दिशा में रखें। साथ ही इस दिन घर की साफ-सफाई पर भी ज्यादा ध्यान दें। पूजा से पहले देख लें कि कहीं भी जाला या मकड़ी या कोई अन्य गंदगी ना हो। कहते हैं साफ घर में ही लक्ष्मी का वास होता है।