हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र और बड़े त्योहार जन्माष्टमी की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। श्रीकृष्ण के जन्म को धूम-धाम से मनाने के लिए कोई अपने बाल-गोपाल के लिए सुन्दर और चमकीले वस्त्र खरीद रहा है तो कोई सोने या चांदी की बांसुरी। इस साल जन्माष्टमी का पावन त्योहार दो दिन यानी 2 और 3 सितम्बर को मनाया जाने वाला है। जहां कुछ लोग इसे तिथी के हिसाब से मनाने वाले हैं वहीं कुछ लोग इसे रविवार यानी 2 सितम्बर को मनाएगें। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस दिन जन्माष्टमी का व्रत करने और श्रीकृष्ण की उपासना करना आपके लिए शुभ होगा।
2 सितंबर को जन्माष्टमी मनाना होगा शुभ
2 सितंबर को आधी रात तक अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र होगा। यही कारण है कि 2 सितंबर को जन्माष्टमी का व्रत करना और श्रीकृष्ण की उपासना करना आपको पूरा लाभ देगा। इस नक्षत्र को वैसे भी शास्त्र सम्मत माना गया है। 2 सितंबर को रात 8 बजकर 45 मिनट पर अष्टमी तिथी का आरंभ होगा जो 3 सितंबर को शाम सात बजकर 20 मिनट तक रहेगा। रात में पूजा का शुभ समय 11 बजकर 58 मिनट से लेकर 12 बजकर 43 मिनट तक का है। आप इस समय में भगवान श्री कृष्ण का जाप और अनुष्ठान कर सकते हैं।
इन खास तरह से करेंगे पूजा तो होगा लाभ
* व्रत के एक दिन पहले कुछ हल्का खाना खाएं और ब्रह्मचर्य का पालन करें। * व्रत के दिन सुबह उठकर सूर्योदय से पहले नहा लें। * इसके बाद सूर्य को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर में मुहं करके बैठे। * इसके बाद जल और कुश से सूर्य की उपासना करें। * दोपहर में काले तिलों के जल से स्नान कर देवकी जी के लिए सूतिकागृह नियत करें।* इसके बाद भगवान कृष्ण की मूर्ति की स्थापना करें। * अब सभी व्यंजनों का भोग लगाकर विधि-विधान से श्रीकृष्ण की उपासना करें।
आमदनी और धनलाभ के भी हैं योग
जन्माष्टमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको धन की प्राप्ति भी हो सकती है। अगर आपको नौकरी में प्रमोशन या आपकी आमदनी में बढ़ोतरी नहीं हो रही हो तो जन्माष्टमी के दिन 7 कन्याओं को खीर जरूर खिलाएं। जन्माष्टमी के बाद भी आने वाले पांच शुक्रवार तक आप ये काम करते रहें इससे आपको लाभ अवश्य होगा। इसके साथ ही जन्माष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में कृष्ण मंदिर जाएं और पीले फूल चढाएं। इससे भी आपको लाभ होगा।