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जब कलियुग में जन्म लेंगे कल्कि भगवान, ये होंगे उनके पत्नियों के नाम- इस पर सवार हो करेंगे दुष्टों का नाश

By मेघना वर्मा | Updated: May 4, 2020 06:25 IST

पुराणों की मानें तो भगवान विष्णु ने अभी तक नौ अवतार लिए हैं। ये सभी अवतार त्रेतायुग, सतयुग, द्वापरयुग में हुआ है।

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ठळक मुद्देगीता के अनुसार, सम्भल गांव में विष्णुयश नामक श्रेष्ठ ब्राहम्ण के पुत्र के रूप में भगवान कल्कि का जन्म होगा। भगवान कल्कि को निष्कलंक भगवान के नाम से भी जाना जाएगा।

हमारे हिन्दू धर्म में चार युगों का जिक्र मिलता है। सतयुग, द्वापरयुग, त्रेतायुग और कलियुग। मान्यता है कि इस समय कलयुग चल रहा है। बताया जाता है कि जिस तरह हर युग में देवताओं ने अवतार ले कर पापियों और दुष्टों का नाश किया था उसी प्रकार कलियुग में भी भगवान विष्णु कल्कि के अवतार में जन्म लेंगे और दुष्टों का नाश करेंगे। 

पुराणों की मानें तो भगवान विष्णु ने अभी तक नौ अवतार लिए हैं। ये सभी अवतार त्रेतायुग, सतयुग, द्वापरयुग में हुआ है। भगवान विष्णु का दसवां अवतार कल्कि का होगा जो कलियुग में होगा। पुराणों में तो ये तक बताया गया है कि भगवान विष्णु का ये अवतार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा। आइए जानते हैं उनके अवतार के बारे में-

गीता में लिखा है विस्तार से

भगवान कल्कि को निष्कलंक भगवान के नाम से भी जाना जाएगा। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी है। गीता के बारहवें स्कंध के दूसरे अध्याय में भगवान कल्कि के बारे में लिखा गया है। 

यहां होगा भगवान कल्कि का अवतार

गीता के अनुसार, सम्भल गांव में विष्णुयश नामक श्रेष्ठ ब्राहम्ण के पुत्र के रूप में भगवान कल्कि का जन्म होगा। वो तपस्वी और तेज होंगे। कल्कि, देवदत्त नाम के घोड़े पर सवार होगर कराल करवाल यानी तलवार से दुष्टों का संहार करेंगे।

ये होंगी कल्कि की पत्नियां

भगवान श्री कल्कि निष्कलंक अवतार हैं। भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे। साथ में वह वेदों और पुराणों के ज्ञाता भी होंगे। भगवान कल्कि के पिता का नाम विष्णुयश और माता नाम सुमति होगा। वहीं उनके भाई सुमंत, प्राज्ञ और कवि होंगे। वहीं कल्किजी के गुरु परशुराम होंगे। उनकी दो पत्नियां होगी। उनकी पहली पत्नी का नाम लक्ष्मी रूपी पद्मा, दूसरी पत्नी का नाम वैष्णवी रूपी रमा होंगी। वहीं कल्कि जी के पुत्र होंगे- जय, विजय, मेघमाल और बलाहक होंगे। 

पुराणों में बताया गया कि कलियुग के अंत में भगवान अवतार धारण करेंगे और अधर्मियों का नाश करेंगे। अधर्मियों का अंत करने के बाद एक बार फिर से धर्म की स्थापना होगी। बताया जाता है कि अभी कलियुग का आधा समय ही बीता है।

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