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Karva Chauth 2019: 17 अक्टूबर को है करवा चौथ का व्रत, जानिए चन्द्रमा को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 15, 2019 07:04 IST

karva chauth 2019: हिंदू मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व है।

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ठळक मुद्देपंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि में बेहद लोकप्रिय यह व्रत समय के साथ अब पूरे देश में खूब तैयारियों के साथ मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है।

Karva Chauth 2019: पति की लंबी उम्र के लिए महिलाओं द्वारा किया जाने वाला व्रत करवा चौथ इस बार 17 अक्टूबर को पड़ रहा है। महिलाएं इस पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं और फिर शाम को पूजा-पाठ और फिर चंद्रमा के दर्शन के बाद ही इसे तोड़ती हैं। पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि में बेहद लोकप्रिय यह व्रत समय के साथ अब पूरे देश में खूब तैयारियों के साथ मनाया जाता है। पति और पत्नी के बीच प्रेम के रिश्ते को मजबूती देने वाले इस व्रत के दिन महिलाएं साज-श्रृंगार भी करती हैं। बदलते समय के साथ अब कई घरों में पति भी अपनी पत्नी के लिए उपवास रखते हैं। आईए जानते हैं करवा चौथ की पूजा से जुड़ा क्या है इस बार शुभ मुहूर्त और चंद्रमा दर्शन का समय...

करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्र उदय का समय व अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त

करवा चौथ के दिन शाम में पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही महिलाएं चंद्र उदय का भी इंतजार करती हैं ताकि उन्हें अर्घ्य देने के बाद उपवास तोड़ा जा सके। बता दें रात्रि 7 बजकर 58 मिनट के बाद अर्घ्य दान दे सकते हैं। हर क्षेत्र में चंद्र उदय का समय अलग-अलग होता है।

Karva Chauth 2019: करवा चौथ कब मनाया जाता है?

हिंदू मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व है। महिलाएं इस पूरे दिन उपवास रखती हैं और शाम को एक साथ इकट्ठा होकर पूजा-पाठ करती हैं और कथा सुनती हैं। इसके बाद अंधेरा होने पर चंद्रमा के आगमन का इंतजार किया जाता है। चंद्रमा के उदय होने के बाद उन्हें अर्ध्य दिया जाता है और फिर उनके दर्शन के बाद ही पानी पीकर व्रत तोड़ने का विधान है।

टॅग्स :करवा चौथपूजा पाठहिंदू त्योहार
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