करवाचौथ का दिन हिन्दू मान्यताओं में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए कामना करती है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक महिलाएं निराजल व्रत रखती हैं। शाम को चांद के दर्शन और उनके पूजन के बाद ही अन्न और जल ग्रहण करती हैं। इस बार करवाचौथ 27 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस करवाचौथ की खास बात ये है कि इस साल इसी दिन संकष्टी गणेश चतुर्थी भी पड़ रहा है इसलिए भी इस दिन को शुभ माना जा रहा है। करवाचौथ की पूजा के कुछ नियम होते हैं जिन्हें मानते हुए पूजा करना बहुत जरूरी होता है। आज हम आपको पूजा के ऐसे ही कुछ नियम बताने जा रहे हैं। मान्यता ये भी है कि अगर इन नियमों का ध्यान ना रखा जाए या कुछ चूक हो जाए तो इसका कुछ उल्टा असर भी पड़ सकता है तो आप भी जरूर ध्यान रखें ये नियम।
1. ना पहनें काले और सफेद रंग के कपडे़
करवाचौथ व्रत महिलाओं के 16 श्रृंगार करने के लिए भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी बेस्ट ड्रेस पहनती हैं और सबसे खूबसूरत दिखना चाहती हैं। मगर ध्यान रखिए कि इस दिन महिलाओं को काले और सफेद रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। हिन्दू धर्म में मान्यता है कि काला रंग और सफेद रंग शादी शुदा महिलाओं के लिए शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए करवाचौथ पर सफेद और काले रंग की साड़ी ना पहनें।
2. कैंची का प्रयोग ना करें
करवाचौथ के दिन किसी भी धार के उपकरण का उपयोग ना करें। खासकर कैंची को कतई हाथ ना लगाएं। कपड़े या कोई भी चीज ना काटें। ऐसा करना भी अशुभ माना जाता है।
3. टूटी चूड़ी को करें बहते जल में प्रवाहित
शाम को श्रृंगार के समय जो कांच की चूड़ी टूट जाए उसे घर पर ना रखें। उसे तत्काल प्रभाव से बहते जल में प्रभावित कर दें। वैसे तो चूड़ी का टूटना खराब माना जाता है इसलिए कोशिश करें कि कोई भी चूड़ी टूटे ना।
4. किसी भी तरह का ना करें नशा
अगर आप किसी भी तरह का नशा करती हैं तो गलती से भी करवाचौथ के दिन किसी भी तरह का नशा ना करें। सिगरेट और शराब को हाथ ना लगाएं। ऐसा करने से आपका व्रत खंडित हो जाएगा।
5. दान करना जरूरी
करवाचौथ के दिन दूध, दही, चावल और उजला वस्त्र दान जरूर करें। कोशिश करें कि दिन भर खुश रहे। अपने बड़ों का सम्मान करें और किसी का भी निरादर ना करें। इस दिन अपने पति से किसी भी बात पर झगड़ा ना करें।