हिन्दू नए वर्ष की पहली एकादशी यानी कामदा एकादशी इस साल अप्रैल महीने की 4 तारीख को पड़ रही है। संयोग ये है कि इस दिन कर्म के देव कहे जाने वाले शनिदेव का दिन यानी शनिवार है। इसलिए इस बार कामदा एकादशी की पूजा और भी महत्वपूर्ण होने वाली है।
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो शनिवार और एकादशी के योग में शनि की पूजा भी जरूर करना चाहिए। इन दिनों लॉकडाउन की सिचुएशन में पूरा देश अपने-अपने घरों में बंद है इसलिए बिना बाहर निकले आप घर में ही भगवान विष्णु और शनि महाराज की पूजा कर सकते हैं।
आइए आपको बताते हैं किस तरह करना चाहिए आपको भगवान विष्णु और शनि की पूजा-
शनिदेव को कर्म का देवता कहा जाता है। ये हमारे ग्रहों और कर्मों का फल हमें देते हैं। सूर्य देव के पुत्र शनि को प्रसन्न करने के लिए आपको तेल का दीपक भी जलाना चाहिए। इसके बाद ऊँ शं शनैश्चराय नम: का जाप करना चाहिए। शनिवार और एकादशी के इस शुभ संयोग में आपको काले तिल, काली उड़द और काले वस्त्रों का दान करना चाहिए।
कामदा एकादशी का महत्व
माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्प पापों का नाश होता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु की कृपा से कामदा एकादशी का व्रत करने वाले को बैकुंड जाने का सौभाग्य मिलता है। इस व्रत को करने से प्रेस योनी से मुक्ति मिलती है।
कामदा एकादशी की पूजा विधि
1. एकादशी के दिन नहा-धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।2. दाहिने हाथ में जल लेकर कामदा एकादशी का संकल्प लें। 3. अब पूजा स्थान पर बैठ भगवान विष्णु की प्रतीमा की स्थापना करें। 4. फिर चंदन, अक्षत, फूल, धूप, गंध, दूध, फल, तिल, पंचामृत आदि से विधिपूर्वक भगवान की पूजा करें।