Jyeshta Shukla Paksha: आज से शुरू हो गया ज्येष्ठ माह का शुक्ल पक्ष, सबसे ज्यादा होता है इस 1 चीज का महत्व

By मेघना वर्मा | Published: May 24, 2020 09:23 AM2020-05-24T09:23:09+5:302020-05-24T09:23:09+5:30

ज्येष्ठ महीने का नाम दरअसल ज्येष्ठ नक्षत्र पर पड़ा है। माना जाता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है।

Jyeshta Shukla Paksha: vrat tyohar ganga dussehra, Nirjala ekadashi and eid festival | Jyeshta Shukla Paksha: आज से शुरू हो गया ज्येष्ठ माह का शुक्ल पक्ष, सबसे ज्यादा होता है इस 1 चीज का महत्व

Jyeshta Shukla Paksha: आज से शुरू हो गया ज्येष्ठ माह का शुक्ल पक्ष, सबसे ज्यादा होता है इस 1 चीज का महत्व

Highlightsज्येष्ठ महीने में सोना अच्छा नहीं माना जाता। मान्यता है कि इस महीने दिन में सोने से आदमी रोगी बनता है।ज्येष्ठ महीना अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से मई और जून में पड़ता है।

हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ माह का महत्व काफी बताया गया है। हिन्दू पंचाग के अनुसार हर महीने के दो पक्ष होते हैं जो 15-15 दिनों में बंटे होते हैं। 15 का कृ्ष्ण पक्ष और 15 दिन का शुक्ल पक्ष। वहीं ज्येष्ठ के इस माह का शुक्ल पक्ष आज से शुरू हो चुका है। जिसे पुराणों में महत्वपूर्ण बताया गया है। 

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में कई सारे तीज-त्योहार भी आते हैं। जिसमें प्रमुख रूप से गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी और पूर्णिमा है। हिंदू धर्म के अनुसार ज्येष्ठ महीने में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। धरती के सभी जीव भीषण गर्मी से परेशान रहते हैं। आइए आपको बताते हैं इस पक्ष की विशेषता और इसमें पड़ने वाले तीज-त्योहार।

25 मई - रंभा तीज, ईद

26 मई - अंगारक चतुर्थी

30 मई - महाविद्या धूमावती प्राकट्योत्सव

1 जून   - गंगा दशहरा

2 जून   - निर्जला एकादशी व्रत

3 जून   - प्रदोष व्रत

5 जून   - ज्येष्ठ पूर्णिमा


ज्येष्ठ महीने में ही पानी या जल का महत्व बताने वाले दो तीज, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी व्रत पड़ते हैं। वहीं इस माह बहुत सारे बड़े तीज-त्योहार भी पड़ते हैं। इस महीने में भीषण गर्मी के कारण पूरे माह में पानी का दान करना शुभ माना जाता है। पानी के दान को भी बेहद महत्वपू्र्ण बताया गया है। 

ज्येष्ठ माह

ज्येष्ठ महीने का नाम दरअसल ज्येष्ठ नक्षत्र पर पड़ा है। माना जाता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है। इसी कारण से इस महीने का नाम ज्येष्ठ रखा गया है। ज्येष्ठ महीना अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से मई और जून में पड़ता है। जिसमें गर्मी अत्यधिक होती है। 

ज्येष्ठ महीन में ना करें ये काम

1. महाभारत के अनुशासन पर्व में लिखा है- ज्येष्ठामूलं तु यो मासमेकभक्तेन संक्षिपेत्। ऐश्वर्यमतुलं श्रेष्ठं पुमान्स्त्री वा प्रपद्यते।। अर्थात ज्येष्ठ महीने में जो व्यक्ति एक समय भोजन करता है वह धनवान होता है। इसलिए इस महीने अगर संभव हो तो एक समय ही भोजन करें।
2. लोक मान्यताओं के अनुसार इस महीनें बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए। बताया जाता है कि जिनकी सबसे बड़ी संतान जीवित हों उन्हें बैंगन खाने से बचना चाहिए। इससे संतान को कष्ट मिलता है।
3. ज्येष्ठ महीने में सोना अच्छा नहीं माना जाता। मान्यता है कि इस महीने दिन में सोने से आदमी रोगी बनता है।
4. ज्येष्ठ महीने में तिल का दान करना लाभकारी सिद्ध होता है। मान्यता है ऐसा करने से अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
5. इस महीने में हनुमान जी का पूजन करना भी शुभ होता है। माना जाता है कि इसी महीने हनुमान जी की मुलाकात श्रीराम से हुई थी। इस महीने बड़ा मंगलवार भी मनाया जाता है। 

Web Title: Jyeshta Shukla Paksha: vrat tyohar ganga dussehra, Nirjala ekadashi and eid festival

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