Janmashtami 2019: जन्माष्टमी के लिए कैसे करें श्रीकृष्ण की मूर्ति का चुनाव और भगवान का श्रृंगार, जानिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 23, 2019 08:11 AM2019-08-23T08:11:52+5:302019-08-23T08:11:52+5:30
Janmashtami 2019: जन्माष्टमी कई क्षेत्रों में आज तो वहीं, कई जगहों पर 24 अगस्त को भी मनाई जाएगी। इस मौके पर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को सजाने और उनके बाल रूप की पूजा का विशेष महत्व है।
Janmashtami 2019: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव जन्माष्टमी की इस बार की तिथि को लेकर भले ही उलझन की स्थिति है लेकिन आप इसे 23 या 24 अगस्त, दोनों ही दिन मना सकते हैं। दरअसल, केवल अष्टमी तिथि को देखें तो 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना चाहिए वहीं, रोहिणी नक्षत्र के हिसाब से यह 24 अगस्त हो जाता है।
हालांकि, आम मान्यताओं और गृहस्थ अष्टमी तिथि को ही जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं। मान्यता है कि भद्रपद मास की अष्टमी तिथि को द्वापर युग में भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से समृद्धि आती है सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Janmashtami 2019: जन्माष्टमी के लिए श्रीकृष्ण की मूर्ति का चुनाव
जन्माष्टमी के दिन बाल कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। कई घरों और मंदिरों में उनके बाल रूप की मूर्ति की स्थापना की जाती है और इसे सजाया-संवारा जाता है। जन्म के बाद पूजा और भगवान को पालने में झूलाने तथा भजन आदि करने का विधान है। वैसे आप अपनी मनोकामना के अनुसार श्रीकृष्ण के किसी भी स्वरूप की पूजा कर सकते हैं।
मसलन, प्रेम और दाम्पत्य जीवन में समृद्धि और खुशहाली के लिए राधा-कृष्ण की मूर्ति का चुनाव कर सकते हैं। वहीं, अगर आप संतान की इच्छा कर रहे हैं तो बाल कृष्ण के स्वरूप की पूजा अवश्य करें। शंख और शालिग्राम की भी स्थापन कर पूजा कर सकते हैं।
Janmashtami 2019: जन्माष्टमी पर कैसे करें श्रीकृष्ण का श्रृंगार
श्रीकृष्ण की पूजा से पहले उनका फूलों से श्रृंगार करने का विशेष महत्व है। पीले फूल श्रीकृष्ण को बहुत पसंद हैं। आप इनकी माला बनाकर भगवान को पहना सकते हैं। इसके अलावा उजले या लाल रंग के फूलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर के मंदिर को भी फूलों से अच्छे से सजाएं। ऐसे ही पीले रंग के वस्त्र और चंदन की भी व्यवस्था कर सकते हैं।
भगवान को आप जिस झूले या पालने में बैठाने वाले हैं, उसे भी फूलों से अच्छे से सजाएं। पूजा के लिए तुलसी, माखन, मिसरी, मेवा आदि जरूर रखें। धनिये की पंजीरी भी भगवान को अर्पित करने की परंपरा रही है।