लाइव न्यूज़ :

जानें क्या है अश्लेषा नक्षत्र और इस नक्षत्र में पैदा हुए जातकों के बारे में

By गुणातीत ओझा | Updated: August 23, 2020 20:36 IST

जिन जातकों का जन्म अश्लेषा नक्षत्र में होता है उनकी जन्म राशि कर्क तथा राशि स्वामी चन्द्रमा है। इनका वर्ण ब्राह्मण, वश्य जलचर, योनि मार्जार, महावैर यानी मूषक, गण राक्षस तथा नाड़ी अन्त्य है।

Open in App
ठळक मुद्देजिन जातकों का जन्म अश्लेषा नक्षत्र में होता है उनकी जन्म राशि कर्क तथा राशि स्वामी चन्द्रमा है।इनका वर्ण ब्राह्मण, वश्य जलचर, योनि मार्जार, महावैर यानी मूषक, गण राक्षस तथा नाड़ी अन्त्य है।

इस नक्षत्र का अर्थ आलिंग होता है। इस नक्षत्र का स्थान आकाश मंडल में 9वां है। यह नक्षत्र कर्क राशि के अंतर्गत आता है। इसका स्वामी बुध है। यह सूर्य के नजदीक होा है ऐसे में इसे प्रातः काल में देखा भी जा सकता है। इस नक्षत्र का स्वामी बुध है। जिन जातकों का जन्म अश्लेषा नक्षत्र में होता है उनकी जन्म राशि कर्क तथा राशि स्वामी चन्द्रमा है। इनका वर्ण ब्राह्मण, वश्य जलचर, योनि मार्जार, महावैर यानी मूषक, गण राक्षस तथा नाड़ी अन्त्य है। 

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि जो लोग इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं उनके जीवन पर बुध व चन्द्र का प्रभाव पड़ता है। ये भाग्यशाली होते हैं। वहीं, हृष्ट-पुष्ट शरीर के स्वामी होते हैं। इनकी वाणी ऐसी होती है कि लोग मंत्र-मुग्ध हो जाते हैं। इन्हें बात करना बेहद पसंद होता है। इसी वजह से ये किसी से भी कई घंटों तक बैठकर चर्चा कर सकते हैं। इनका चेहरा वर्गाकार, मुख-मंडल बहुत सुन्दर और आंखें छोटी होती है। इनमें बुद्धिमानी होती है। इन जातकों को अपनी स्वतंत्रता में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं होता।

अश्लेषा नक्षत्र के जातक का ग्रह वाणिक भी है जिसके चलते इस नक्षत्र में जन्मे जातक सफल व्यापारी, चतुर अधिवक्ता, भाषण कला में निपुण होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये जातक बेहद ईमानदार तो होते ही हैं वहीं, मौकापरस्त भी होते हैं। ये आसानी से किसी पर विश्वास नहीं करते हैं। ये हठीले और जिद्दी स्वभाव के होते हैं। इन पर नाग देवता का प्रभाव काफी ज्यादा होता है जिसके फलस्वरूप ये बेहद क्रोधी स्वभाव के होते हैं। अश्लेशा नक्षत्र के बारे में यह कहा जाता है कि अगर इनका जन्म पहले पद में होता है तो वो अपनी माता को त्याग देते हैं। वहीं, अगर दूसरे पाये में होता है तो पिता को त्याग देते हैं। तीसरे पाये में अपने बड़े भाई या बहन को और चौथे पाये में अपने को ही सात दिन, सात महीने, सात वर्ष के अन्दर सभी प्रभावों को दिखा देता है।

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि ये जातक बेहद मिलनसार स्वभाव के होते हैं। साथ ही किसी भी संकट का पूर्वानुमान लगाने में भी काफी कुशल होते हैं। इन जातकों का मन लगातार किसी न किसी उधेड़बुन में लगा रहता है। इन्हें रहस्यमय ढंग से काम करना बेहद पसंद होता है। ये दिमाग से काम करना ज्यादा पंसद करते हैं। इन्हें शारीरिक मेहनत ज्यादा पसंद नहीं होती है। इस नक्षत्र के जातक अच्छे लेखक होते हैं। वहीं, अगर ये लोग अभिनय के क्षेत्र में जाते हैं तो एक बेहतर और सफल अभिनेता बन सकते हैं। कला और वाणिज्य के क्षेत्र में भी आप जा सकते हैं। ये व्यवसाय में ज्यादा सफल हो सकते हैं। ऐसे में इनका झुकाव नौकरी के बजाय व्यवसाय की तरफ ज्यादा होता है।

टॅग्स :ज्योतिष शास्त्र
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 04 December 2025: आज वित्तीय कार्यों में सफलता का दिन, पर ध्यान से लेने होंगे फैसले

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 03 December 2025: आज इन 3 राशि के जातकों को मिलेंगे शुभ समाचार, खुलेंगे भाग्य के द्वार

पूजा पाठPanchang 03 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

पूजा पाठPanchang 02 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय