Holika Dahan 2020: होलिका दहन की पूजा विधि, किस मुहूर्त में जलाएं होलिका और किन बातों का रखें ध्यान, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 26, 2020 10:11 AM2020-02-26T10:11:13+5:302020-02-26T10:16:32+5:30

Holika Dahan 2020: इस बार होलिका दहन की तारीख 9 मार्च है। अक्षत, चंदन, रोली, हल्दी, गुलाल, फुल, गुलरी, जल, सुपारी आदि का इस्तेमाल जरूर करें।

Holika Dahan puja vidhi, shubh muhurat and what to do and what no to do | Holika Dahan 2020: होलिका दहन की पूजा विधि, किस मुहूर्त में जलाएं होलिका और किन बातों का रखें ध्यान, जानिए

होलिका दहन की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Highlightsहोलिका दहन के लिए शाम के बाद का समय सबसे अच्छा माना जाता हैहोलिका दहन का शुभ मुहूर्त इस बार 9 मार्च की शाम 6 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा

Holika Dahan 2020:होली के त्योहार से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन की परंपरा है। इस दिन गांव, शहरों, मोहल्लों के चौक-चौराहों पर कंडों और लकड़ियों से होली सजाई जाती है और फिर विधिवत पूजन के बाद इन्हें जलाया जाता है। कहते हैं कि होलिका दहन की परंपरा होलिका के प्रह्लाद को जलाने की कोशिश के बाद से अब तक जारी है।

उस घटना में भगवान के भक्त प्रह्लाद तो जल गये थे लेकिन अग्नि में नहीं जल सकने वरदान के बावजूग होलिका जलकर मर गई। होलिका दहन से पहले अग्नि देव के पूजन की परंपरा है। आईए, जानते हैं होलिका दहन की पूजन विधि और इस साल का शुभ मुहूर्त..

Holika Dahan 2020: होलिका दहन की पूजन विधि

होलिका दहन से पहले उसकी पूजा की जाती है। इसमें अक्षत, चंदन, रोली, हल्दी, गुलाल, फुल, गुलरी, जल, सुपारी आदि का इस्तेमाल किया जाता है। होलिका दहन पूजा करते समय पूजा करने वाले व्यक्ति को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर से मुख करके बैठना चाहिए। 

पूजा में बताशे और नई फसल के अन्न का भी इस्तेमाल करना चाहिए। दहन से पहले मौली, फूल, गुलाल, गोबर से बने खिलौनों की मालाएं आदि होलिका पर चढ़ाई जाती है। इसके बाद कच्चे सूत को होलिका के चारो ओर तीन या सात बार परिक्रमा करते हुए लपेटना चाहिए। साथ ही जल समेत पूजन की अन्य वस्तुओं को भी होलिका पर समर्पित करें। पूजन के बाद जल से अर्घ्य दें।

Holika Dahan: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

इस बार होलिका दहन की तारीख 9 मार्च है। होलिका जलाने का शुभ मुहूर्त 9 मार्च की शाम 6 बजकर 26 मिनट से 8 बजकर 52 मिनट तक का होगा। दरअसल, होलिका जलाने के लिए प्रदोष काल सबसे अच्छा माना जाता है। 

इस दिन भद्रा पुंछ सुबह 09 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट तक है। वहीं, भद्रा मुख सुबह 10 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक का होगा। इस दिन पूरे विधि विधान से होलिका दहन के बाद अगले दिन रंग खेला जाएगा।

Web Title: Holika Dahan puja vidhi, shubh muhurat and what to do and what no to do

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