होली प्यार-मोहब्बत का पर्व है। होली पर लोग पुराने झगड़े भूलकर एक-दूसरे से गले मिलकर प्यार से गुलाल लगाते हैं। मौज-मस्ती भरा रंगों का यह पर्व रिश्तों में मिठास घोल देता है। होली पर देवर-भाभी और जीजा-साली के बीच मजाक और हंसी-ठिठोली न हो, ऐसा हो ही नहीं सकता है। इस मौके पर हम आपको जीजा-साली की होली की कुछ चटपटी शायरी लेकर आए हैं, जो यकीनन आपके चहरे पर मुस्कान ला देंगी।
1) बजती नहीं है एक हाथ से तालीअच्छी लगती नहीं मुझे घरवाली। गोरे गालों पे रंग लगाने कोअच्छी लगती है तो बस साली।।
2) होली तो बस एक बहाना हैहमें साली के करीब जो आना है। ऐसे रंग लगायेंगे सनम तुझेना भूल पाएगी इस जनम मुझे।।
3) होली में अगर हुड़दंग न हो प्यार से साली से छीना झपटी न हो। तब तक होली में मजा नहीं जब तक जीजा साली में ठिठोली न हो।।
4) हम आपके दिल में रहते हैं हर दर्द को बड़े प्यार से सहते हैं।कोई हमसे पहले विश न कर दे आपको साली जी इसलिए एक दिन पहले ही होली विश करते हैं।।
5) चाल है तेरी मतवालीऔर आंखें हैं मय की प्याली।मैं बेहोश हुआ पीकरहोली पर जब आगोश में आई साली।।
6) ऐसे मनाना होली का त्यौहारपिचकारी से बरसे सिर्फ प्यार।यह मौका है साली को गले लगाने का तो गुलाल-रंग लेकर हो जाओ तैयार।।
7) न बजे बेटा एक हाथ से ताली न लगे अच्छी हमें घरवाली।रंग लगाने के लिए तो सिर्फ अच्छी लगे मुझे प्यारी साली।।
8) भीगा के तुझे पानी मेंतेरे साथ भीग जाना है। हो कर रंगों से रंगीन आज साली के गालों पर गुलाल लगाना है।।
9) प्यार के गुलाल से तेरे गालों को मैं रंगीन कर दूं। तेरे अंग अंग पे रंग लगा के आ साली तुझे और हसीन कर दूं।।
10) पिछले साल मैंने खेली ऐसी होली और तभी से वो मेरी होली...