Holashtak 2022: होलाष्टक 10 मार्च से शुरू हो रहे हैं। होली से आठ दिन पूर्व होलाष्टक शुरू हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि ये 8 दिन शुभ कार्यों को करने के लिए वर्जित माने जाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है। होलाष्टक के दौरान किन कार्यों की मनाही होती है यह भी जान लेना आवश्यक है। आइए जानते हैं होलाष्टक के दौरान कौन-कौन से कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्य
होलाष्टक के दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा न तो इस दौरान मुंडन, नामकरण, सगाई आदि करनी चाहिए। ये किसी के भी जीवन के सबसे महत्वपूर्ण लम्हों में से एक होते हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि ऐसे मांगलिक कार्यों को शुभ काल-मुहूर्त में किया जाना चाहिए।
संपत्ति की खरीद-बिक्री
ये कार्य भी होलाष्टक काल में नहीं किया जाना चाहिए। इससे अशांति का माहौल बनता है। संभव है कि आपने जो संपत्ति खरीदी या बेची है, वह बाद में आपके लिए परेशानी का सबब बन जाए। इसलिए ऐसी मान्यता है कि कुछ दिन रूककर और होलाष्टक खत्म होने के बाद ही इन कार्यों में हाथ लगाएं।
नया-व्यापार और नई नौकरी
आप नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं या फिर कोई नई नौकरी ज्वाइन करना चाहते हैं तो बेहतर है इन दिनों में इसे टाल दें। आज की दुनिया में व्यवसाय या नौकरी किसी के भी अच्छे जीवन का आधार है। इसलिए होलाष्टक के बाद इन कार्यों को करें। इससे सकारात्मक उर्जा आपके साथ रहेगी और आप सफलता हासिल कर सकेंगे।
नौकरी में परिवर्तन
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक के समय में नौकरी परिवर्तन नहीं करना चाहिए। नई जॉब ज्वाइन करनी है, तो उसे होलाष्टक के पहले या बाद में करना चाहिए। यदि अत्यंत ही आवश्यक है, ऐसे में किसी विद्वान ज्योतिषि या फिर पंडित से सलाह जरूर लें।
यज्ञ-हवन आदि कार्यक्रम
होलाष्टक के दौरान कोई भी यज्ञ, हवन आदि कार्यक्रम नहीं करना चाहिए। उसे होली बाद या उससे पहले कर सकते हैं।